नई दिल्ली | नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट ने खरीफ फसलों की एमएसपी बढ़ाने को मंजूरी दे दी है. सरकार ने वित्तीय वर्ष के दौरान मूंग दाल पर 10.4%, मूंगफली पर 9%, तिल पर 10.3%, धान पर 7%, जवार, बाजरा, रागी, मेज, अरहर दाल, उड़द दाल, सोयाबीन, सूरजमुखी बीज पर वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए लगभग 6-7% की वृद्धि की गई है.
ये तय की गई एमएसपी
दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस बारे में पूरी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने 2023-24 के लिए उड़द दाल का एमएसपी 350 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 6,950 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है. वहीं, मक्का का एमएसपी 128 रुपये प्रति क्विंटल और धान का एमएसपी 143 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2,183 रुपये प्रति क्विंटल करने की मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही मूंग के एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी की गई है और यह बढ़कर 8,558 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है.
सीएसीपी ने की थी सिफारिश
आपको बता दें कि कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर सरकार हर साल 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है. सीएसीपी ने 23 फसलों पर एमएसपी की सिफारिशें जारी की. इसमें 7 अनाज, 5 दालें, 7 तिलहन और 4 व्यावसायिक फसलें शामिल हैं. इन 23 फसलों में से 15 खरीफ की फसलें हैं और बाकी रबी की फसलें हैं.
एमएसपी से किसानों को फायदा
एमएसपी सरकार द्वारा किसानों को दिया जाने वाला एक आर्थिक आश्वासन है जिससे फसल उगाने से पहले किसानों को इस फसल की कीमत का अंदाजा हो जाता है. अक्सर ऐसा होता था कि किसान फसल तैयार कर लेता था, लेकिन बाजार में मांग नहीं होने के कारण किसान को उस फसल का सही दाम नहीं मिल पाता था, कई बार तो फसल उगाने में लगा खर्च भी वसूल नहीं हो पाता था.
मांग और आपूर्ति को आसान बनाने के लिए सरकार किसान की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करती है ताकि कुछ भी हो जाए उस किसान को कम से कम उस फसल के लिए इतनी राशि तो मिले ही.
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