नई दिल्ली | भारतीय सेना में भर्ती होने वाले उम्मीदवारों के लिए एक बड़ी अपडेट सामने आ रही है. आपको बता दें कि सेना में भर्ती होने वाले उम्मीदवारों को इस साल से अनिवार्य रूप से मानसिक जांच परीक्षा देनी होगी. इनमें 3 पैरामीटरों पर जवानों की जांच की जाएगी. पहले कहीं उसमें खुद को नुकसान पहुंचाने की प्रवृत्ति तो नहीं है. दूसरे वह दूसरों को तो नुकसान नहीं पहुंचाएगा और तीसरे सामाजिक रूप से उसकी प्रवृत्ति नकारात्मक तो नहीं है.
अन्य सभी भर्तियों पर लागू होगा प्रावधान
इन तीन पैरामीटर पर खरा उतरने के बाद ही उसे सैनिक बनने का अवसर मिल पाएगा. सेना के सूत्रों ने जानकारी दी कि यह प्रावधान अग्निवीरों से शुरू होगा तथा अन्य सभी भर्तियों पर लागू होगा, जहां सीधे भर्ती है, वहां भी उम्मीदवारों को इस परीक्षा से गुजरना होगा.
माना जा रहा है कि यह फैसला सेना में आत्महत्या या सहयोगियों पर बढ़ते हमलों और कई जवानों के समाज विरोधी कार्य में लिप्त होने के ध्यान में रखते हुए लिया गया है. सैन्य सूत्रों के मुताबिक, अग्निवीरों की भर्ती में मानसिक स्वास्थ्य जांच परीक्षा को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया था.
3 पैरामीटर पर परखी जाएगी जवानों की मानसिकता
पिछले साल रोहतक में अग्निवीरों की भर्ती में इसे शुरू किया गया था. अब सभी केंद्रों पर अग्निवीरों की भर्ती में इसे लागू करने की तैयारी की जा रही है. वर्ष 2024- 25 के दौरान इसे पूरी तरह से क्रियान्वित कर दिया जाएगा. सेना में अग्निवीरों के साथ- साथ मिलिट्री पुलिस में भर्ती होने वाले जवानों के लिए यह भी यह परीक्षा अनिवार्य होगी. सेना ने मानसिक जांच के लिए एक माड्यूल बनाया है, जिसमें तीन पैरामीटर पर जवानों की मानसिकता को जाँचा जाएगा.
हर साल बहुत से जवान करते हैं आत्महत्या
मेडिकल जांच के दौरान ही यह परीक्षा पूरी होगी. सेना के सूत्रों के मुताबिक, हर साल 100- 140 जवान आत्महत्या करते हैं. अगर तीनों सेनाओं की बात करें तो यह आंकड़ा और भी ज्यादा है. संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, 2017- 22 के बीच में तीनों सेनाओं के लगभग आठ सौ जवानों ने आत्महत्या की है. हालांकि, इसमें कुछ मामले गलती से गोली चलने की वजह से होने वाली मौत के भी हैं. इसके अलावा, कई ऐसी घटनाएं भी हुई हैं जब जवान ने छुट्टी नहीं मिलने और अन्य कारणों के चलते अपने साथियों या अफसर पर हमला कर दिया.
सेना का कहना है कि जवानों में बढ़ते तनाव से निपटने के लिए अलग से भी मानसिक देखभाल कार्यक्रम मानसिक सहायता अभियान ‘मन्सा’ की भी शुरुआत की गई है. इस अभियान में अग्निवीर समेत सभी रैंक को शामिल किया गया है.
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