नई दिल्ली । सरकार ने संसद की लोक लेखा समिति को बताया कि वह अपनी आय को कृषि आय के रूप में बताकर टेक्स्ट को चकमा देने की कोशिश ना करें, अन्यथा उन्हें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. केंद्र ने कहा कि इस तरह की हरकतों पर अब केंद्र सरकार की तरफ से पैनी नजर रखी जा रही है. वहीं संसदीय समिति के प्रश्नों के जवाब देते हुए वित्त मंत्रालय ने कहा कि सुपर रिच किसानों को अब INCOME TAX अधिकारियों की कड़ी जांच का सामना करना होगा.
सरकार रख रही है अमीर किसानों की आय पर नजर
यह अधिकारी किसानों की कानून के तहत टैक्स फ्री आय की जांच करेंगे. बता दें कि जांच के दायरे में केवल वही किसान आएंगे जिनकी सालाना आय 10 लाख रूपये रुपए से ज्यादा है. समिति ने कहा कि लगभग 22.5% मामलों में अधिकारियों ने दस्तावेजों के उचित मूल्यांकन और सत्यापन के बिना कर मुक्त के दावों को मंजूरी दे दी है. मंगलवार को पैनल की तरफ से 49 वी कृषि आय से संबंधित रिपोर्ट का आकलन किया गया. यह भारत के महालेखा परीक्षक और नियंत्रक जनरल की एक रिपोर्ट पर आधारित है. वहीं दूसरी और छत्तीसगढ़ में कृषि भूमि की बिक्री से प्राप्त आय के रूप में एक करोड रुपए की कृषि आय पर टैक्स छूट शामिल है.
वही कमियों की ओर इशारा करते हुए संसदीय पैनल ने बताया कि अधिकारियों ने न तो उन दस्तावेजों की जांच की और ना ही मूल्यांकन रिकॉर्ड में टैक्स छूट का समर्थन किया. आयकर अधिनियम 1961 की धारा 10(1) के तहत कृषि आय को टैक्स में छूट प्राप्त है. कृषि भूमि के किराए, राजस्व या हस्तांतरण और खेती से होने वाली आय को कानून के तहत कृषि योग्य माना जाता है . वहीं संसदीय पैनल ने बताया कि इस पर काबू पाने के लिए वित्त मंत्रालय ने उन मामलों में कर मुक्त दावों की सीधे जांच करने के लिए अपनी प्रणाली तैयार कर ली है, जहां पर कृषि आय को सालाना 10 लाख रूपये से अधिक दिखाया गया है.
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