नई दिल्ली| केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पेंशन स्कीम को लेकर बड़ा फैसला किया है. शनिवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और न्यू पेंशन स्कीम (NPS) की जगह यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) पर मुहर लगा दी गई है. सरकार ने बताया है कि जो कर्मचारी कम से कम 25 साल नौकरी करेगा, उसे UPS स्कीम का लाभ मिलेगा.
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विणी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि 10 साल सर्विस करने वाले को 10 हजार रुपए की पेंशन मिलेगी. अगर कर्मचारियों की सेवा के दौरान मौत हो जाती है, तो उनकी पत्नियों को 60 प्रतिशत पेंशन दी जाएगी. सरकार ने कहा कि उसके फैसले को राज्य सरकार भी लागू कर सकती हैं. कर्मचारियों पर इस स्कीम का भार नहीं पड़ेगा.
12 महीने के औसत वेतन का कम से कम 50%
सरकार ने कहा कि अगर किसी कर्मचारी ने न्यूनतम 25 साल तक काम किया तो रिटायरमेंट से पहले आखिरी 12 महीने के औसत वेतन का कम से कम 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा. अगर किसी पेंशनदाता को मौत होती है, तो उसके परिवार को मृत्यु के वक्त मिलने वाली पेंशन का 60% हिस्सा मिलेगा.
UPS में जाने का मिलेगा विकल्प
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी NPS वालों को UPS में जाने का विकल्प मिलेगा. यह उन सभी पर भी लागू होगा जो NPS की शुरुआत से ही इसके तहत सेवानिवृत्त हुए हैं या सेवानिवृत्त होने वाले हैं. सरकार इसके लिए बकायदा एरियर का भुगतान करेगी. जो कर्मचारी 2004 से रिटायर हुए हैं उनको भी इसका लाभ मिलेगा.
उन्होंने कहा कि हर 6 महीने की सेवा के बदले मासिक वेतन (वेतन+ डीए) का दसवां हिस्सा जुड़ कर रिटायरमेंट पर मिलेगा. NPS वालों को UPS में जाने पर फायदा होगा. इस स्कीम से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारी लाभान्वित होंगे. यह स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू की जाएगी.
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