नई दिल्ली | शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें केन्द्र सरकार ने राशनकार्ड उपभोक्ताओं को नए साल पर नायाब तोहफा दिया है. मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए सभी को मुफ्त अनाज देने का निर्णय लिया है. सरकार के इस फैसले से हिंदुस्तान के 81.35 करोड़ लोगों को सीधा लाभ पहुंचेगा.
31 दिसंबर 2023 तक मिलेगी सुविधा
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए केन्द्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत लगभग साढ़े 81 करोड़ लाभार्थियों को दिसंबर 2023 तक मुफ्त अनाज मिलेगा. उन्होंने बताया कि NFSA के तहत राशन प्रणाली में सस्ती दरों पर उपभोक्ताओं को बांटे जाने वाले अनाज के लिए अब कार्ड धारकों को कोई भुगतान नहीं करना होगा. केन्द्र सरकार इस पर लगभग 2 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी.
गरीबों को बड़ी राहत
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश के करीब साढ़े 81 करोड़ राशनकार्ड धारकों को सरकारी राशन डिपो से जहां तीन रुपये प्रति किलो की दर से चावल, दो रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं और एक रुपये प्रति किलो की दर से मोटा अनाज दिया जाता है. इसमें प्रत्येक सामान्य उपभोक्ता को हर महीने पांच किलो की दर से अनाज बांटा जाता है जबकि अंत्योदय वर्ग के उपभोक्ताओं को अनाज की यह मात्रा सात किलो प्रति व्यक्ति होती है.
ऐतिहासिक निर्णय!
गरीबों को खाद्य सुरक्षा के लिए अब कोई पैसा नहीं देना होगा। PM @NarendraModi जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार इस पर होने वाले लगभग 2 लाख करोड़ रूपए के खर्च को शत-प्रतिशत वहन करेगी।#AnnSeAntyoday pic.twitter.com/NJGBh973od
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) December 23, 2022
फैसले का राजनीतिक महत्व
केन्द्र की मोदी सरकार के इस फैसले से जहां गरीब परिवारों को बड़ी राहत पहुंचेगी तो वही इसका राजनीतिक महत्व भी देखा जा रहा हैं क्योंकि 2023 में देश के नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं जबकि 2024 की शुरुआत में लोकसभा चुनाव होंगे.
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