नई दिल्ली | पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बढ़ती मांग के बीच केंद्र सरकार कर्मचारियों को न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन की गारंटी देने के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के नियमों में बदलाव कर सकती है. सरकार एनपीएस के नियमों में बदलाव कर कर्मचारियों को 40 प्रतिशत से 45 प्रतिशत सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन देने के नए फॉर्मूले पर काम कर रही है. इसके तहत, सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन उनकी सेवानिवृत्ति से पहले प्राप्त अंतिम वेतन के आधार पर तय की जा सकती है.
एनपीएस की समीक्षा कर बनाई गई कमेटी
जानकारी के मुताबिक, 6 अप्रैल को वित्त मंत्रालय ने कहा था कि नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) की समीक्षा के लिए एक कमेटी बनाई गई है. इस कमेटी की समीक्षा के बाद सरकार तय करेगी कि पुरानी पेंशन योजना को वापस लागू किया जाए या नहीं. रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल वित्त सचिव के नेतृत्व में गठित यह समिति एनपीएस की समीक्षा कर रही है. इससे पहले 24 मार्च को संसद में वित्त विधेयक पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई पेंशन योजना की समीक्षा करने की बात कही थी.
कई राज्यों में कांग्रेस कर चुकी है ओपीएस लागू
जहां एक तरफ सरकारी कर्मचारी एनपीएस का विरोध कर रहे हैं वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस की कई राज्य सरकारों ने एनपीएस को खत्म कर पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू कर दी है. पांच माह पहले हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने 19 साल बाद पुरानी पेंशन योजना बहाल की थी. वहीं, कांग्रेस मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में एनपीएस खत्म कर पुरानी पेंशन योजना लागू करने का वादा कर रही है.
कब लागू की गई नई पेंशन योजना?
2004 से पहले सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन मिलती थी. यह पेंशन सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी के वेतन पर आधारित थी. इस योजना में सेवानिवृत्त कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार के सदस्यों को भी पेंशन मिलने का नियम था. हालांकि, अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया और इसकी जगह नई पेंशन योजना लागू कर दी. बाद में राज्यों ने भी नई पेंशन योजना लागू की.
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