नई दिल्ली | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि Chandrayaan 3 को चांद की कक्षा में प्रवेश कराने के लिए 1 दिन बाद इसके और नजदीक पहुंचाने का प्रयास सफल हो गया है. इसरो के एक वैज्ञानिक ने कहा कि संगठन इस तरह का अगला प्रयास 9 अगस्त को भी करेगा. इसरो ने रविवार को ट्वीट करते हुए कहा कि अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा के और नजदीक पहुंचने की एक प्रस्तावित प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है. इंजनों की रेट्रो फायरिंग में इसे चांद की सतह के और नजदीक पहुंचा दिया है यानी अब 170 किलोमीटर गुना 4313 किलोमीटर हो गया है.
23 अगस्त को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा ISRO
ISRO ने बयान जारी कर कहा कि चांद के और नजदीक पहुंचाने का अगला प्रयास 9 अगस्त 2023 को भारतीय समय के अनुसार दोपहर 1:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे के दौरान किया जाने का कार्यक्रम है. 17 अगस्त तक 3 और अभियान प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएंगी. जिसके बाद, लेंडिंग मॉड्यूल प्रपल्शन मॉड्यूल से अलग हो जाएगा.
इसके पश्चात, लेंडर पर डी-आर्बिटिंग का प्रयास किया जाएगा. जिसके बाद, चांद की सतह पर उतरने से पहले लेंडर पर डी- आर्बिटिंग की कवायद को अंजाम दिया जाएगा. इसरो ने बताया कि यह 23 अगस्त को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा.
Chandrayaan-3 Mission:
“MOX, ISTRAC, this is Chandrayaan-3. I am feeling lunar gravity 🌖”
🙂Chandrayaan-3 has been successfully inserted into the lunar orbit.
A retro-burning at the Perilune was commanded from the Mission Operations Complex (MOX), ISTRAC, Bengaluru.
The next… pic.twitter.com/6T5acwiEGb
— ISRO (@isro) August 5, 2023
9 अगस्त को फिर किया जाएगा प्रयास
बता दें कि 22 दिन के सफर के पश्चात चंद्रयान ने शनिवार शाम करीब 7:15 बजे चांद की कक्षा में प्रवेश कर लिया था. इसरो ने रविवार 6 अगस्त को रात तकरीबन 11:00 बजे चंद्रयान 3 की आरबिक घटाई. मतलब कि अब चंद्रमा के 170 किलोमीटर गुना 4313 किलोमीटर की आरबिक में है यानी चंद्रयान एसी अंडर कक्षा में फिलहाल घूम रहा है, जिसमें उसकी चांद से सबसे कम दूरी 170 किलोमीटर और सबसे ज्यादा दूरी 4313 किलोमीटर फिलहाल है.
आरबिक बदलने के लिए चंद्रयान के इंजन कुछ देर के लिए फायर किए गए. इसरो ने बताया है कि अब कक्षा को कम करने का अगला ऑपरेशन 9 अगस्त को 13:00 से 14:00 के बीच कर दिया जाएगा.
चांद की कक्षा में चंद्रयान ने किया प्रवेश
इसी बीच अंतरिक्ष एजेंसी ने रविवार को देश के तीसरे चंद्रयान मिशन चंद्रयान 3 की ओर से ली गई चंद्रमा की पहली तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की. 5 अगस्त को चंद्र कक्षा प्रविष्टि (LOI) के दौरान Chandrayaan 3 अंतरिक्ष यान द्वारा देखा गया. चंद्रमा मिशन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने ट्वीट कर बताया है कि चंद्रयान 3 अंतरिक्ष यान जिसमें लगभग दो- तिहाई दूरी तय है कि इसरो के अनुसार चंद्रमा अपने प्रक्षेपण के बाद से शनिवार को सफलतापूर्वक चांद की कक्षा में प्रवेश कर गया.
वैज्ञानिकों व कंपनियों की मेहनत का मिला फल
चंद्रयान को बनाने में किसी एक वैज्ञानिक या एक कंपनी का हाथ नहीं है बल्कि बहुत सारे वैज्ञानिक और बहुत सारी कंपनियों ने अपनी अहम भूमिका निभाई है. इसको बनाने के लिए रेवाड़ी से तार व रोहतक से नट बोल्ट गए थे, जिन्हें प्रतिष्ठित कंपनियों ने बनाए थे. यह कंपनियां ऐसे ही मिशनों के लिए लगातार काम कर रही है. इसके साथ ही, वैज्ञानिकों ने दिन- रात कड़ी मेहनत के साथ इस मिशन को सफल बनाया है.
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