नई दिल्ली | कल चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के साथ इसरो ने इतिहास रच दिया. आज विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर भी बाहर आ गया है. इसरो ने इसकी जानकारी दी है. इसरो ने अपने ट्वीट में लिखा, “चंद्रयान 3 का रोवर लैंडर से नीचे उतर गया, भारत ने चंद्रमा पर कदम रखा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘विक्रम’ लैंडर से रोवर ‘प्रज्ञान’ के सफलतापूर्वक बाहर निकलने के लिए इसरो टीम को बधाई दी है.
इसरो ने की पुष्टि
आपको यह भी बता दें कि चंद्रयान- 3 मिशन के लैंडर ‘विक्रम’ ने चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए अपेक्षाकृत समतल क्षेत्र को चुना है. ये बात उनके कैमरे से ली गई तस्वीरों से पता चली है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इसकी पुष्टि की है. इसरो ने कहा कि विक्रम के चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने के तुरंत बाद तस्वीरें लैंडिंग इमेजर कैमरे द्वारा ली गईं. तस्वीरों में चंद्रयान- 3 की लैंडिंग साइट का एक हिस्सा दिखाया गया है. उन्होंने कहा लैंडर का एक पैर और उसके साथ की छाया भी दिखाई दे रही थी.
Chandrayaan-3 Mission:
Chandrayaan-3 ROVER:
Made in India 🇮🇳
Made for the MOON🌖!The Ch-3 Rover ramped down from the Lander and
India took a walk on the moon !More updates soon.#Chandrayaan_3#Ch3
— ISRO (@isro) August 24, 2023
तस्वीरें भी की जारी
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, “चंद्रयान 3 ने चंद्रमा की सतह पर अपेक्षाकृत समतल क्षेत्र चुना.” उन्होंने यह भी बताया कि लैंडर और इसरो के मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स) के बीच भी संचार स्थापित हो गया है. इसरो ने चंद्रयान 3 की चंद्रमा की सतह पर उतरते समय ली गई तस्वीरें भी जारी की हैं.
Chandrayaan-3 Mission:
Updates:The communication link is established between the Ch-3 Lander and MOX-ISTRAC, Bengaluru.
Here are the images from the Lander Horizontal Velocity Camera taken during the descent. #Chandrayaan_3#Ch3 pic.twitter.com/ctjpxZmbom
— ISRO (@isro) August 23, 2023
चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान 3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद अब रोवर मॉड्यूल इसरो वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए 14 दिवसीय कार्य को शुरू करेगा. इसके विभिन्न कार्यों में चंद्रमा की सतह के बारे में अधिक जानने के लिए वहां प्रयोग करना शामिल है. लैंडर ‘विक्रम’ द्वारा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपनी सॉफ्ट लैंडिंग पूरी करने के बाद, रोवर ‘प्रज्ञान’ अब चंद्र सतह पर कई प्रयोग करने के लिए लैंडर मॉड्यूल से बाहर निकल गया है.
इसरो के अनुसार लैंडर और रोवर के लैंडर मॉड्यूल के भीतर पांच वैज्ञानिक पेलोड (पेलोड) रखे गए हैं. इसरो ने कहा कि चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करने के लिए रोवर की तैनाती से चंद्र अभियानों में नई ऊंचाइयां हासिल होंगी. लैंडर और रोवर दोनों का जीवन काल 1 चंद्र दिवस है जो पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है.
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