नई दिल्ली | चंद्रयान- 4 मिशन (Chandrayaan- Mission 4) से जुड़ी लेटेस्ट अपडेट सामने आई है. चंद्रयान- 4 मिशन और गगनयान मिशन को लेकर इसरो चीफ डॉ. एस. सोमनाथ ने जानकारी शेयर करते हुए कहा कि इस मिशन को पूरा होने में 3 साल के करीब समय लगेगा और इस मिशन को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी देते हुए 2104.06 करोड़ रूपए का फंड जारी किया है.
ये होगी सबसे बड़ी चुनौती
इसरो चीफ डॉ. एस. सोमनाथ ने बताया कि चंद्रयान- 4 की इंजीनियरिंग पूरी कर ली गई है. उन्होंने बताया कि चंद्रयान- 3 मिशन का लक्ष्य केवल चंद्रमा तक जाना था और धीरे से उतरना था. इसलिए अब चंद्रमा से वापस आना एक और चुनौती के बराबर है. चंद्रयान- 4 मिशन में सैटेलाइट का कुल आकार लगभग दोगुना हो जाएगा. इस सैटेलाइट में पांट मॉड्यूल होंगे.
डॉ एस. सोमनाथ ने बताया कि इस मिशन के तहत चंद्रमा से नमूने लाना काफी चुनौतीपूर्ण होगा. चंद्रमा से नमूने इकट्ठा करना आसान नहीं है. हमें अलग- अलग स्थानों से खुदाई कर नमूने लेने होंगे, फिर उन्हें एक कंटेनर में सुरक्षित रखना होगा. इसके बाद, उस कंटेनर को एक लैंडर तक पहुंचाना होगा, जो चंद्रमा से उड़ान भरेगा. उन्होंने बताया कि यह सारी प्रक्रिया रोबोटिक होगी, जो कई बार जटिल साबित हो सकती है.
दो हिस्सों में लॉन्च होगा चंद्रयान- 4
उन्होंने बताया कि चंद्रयान-4 एक बार में लॉन्च नहीं किया जाएगा बल्कि इसे दो हिस्सों में लॉन्च किया जाएगा. इसके बाद अंतरिक्ष में इसके मॉड्यूल्स को जोड़ेंगे. यानि डॉकिंग करवाया जाएगा.
चंद्रयान- 4 में 5 मॉड्यूल्स
- प्रोपल्शन मॉड्यूल
- डिसेंडर मॉड्यूल
- एसेंडर मॉड्यूल
- ट्रांसफर मॉड्यूल
- री- एंट्री मॉड्यूल
वहीं, गगनयान को लेकर इसरो चीफ ने बताया कि गगनयान लॉन्च के लिए तैयार है. हम इसे इस साल के आखिर तक लॉन्च करने की कोशिश कर रहे हैं. हमारी ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
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