नई दिल्ली । पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस सब कुछ ठीक करने की कोशिश में है. पार्टी इकाई की गुटबाजी को खत्म कर एकजुट होने का संदेश दिया जा रहा है. इस सिलसिले में हरियाणा कांग्रेस के नेताओं ने नई दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की. माना जा रहा है कि जल्द ही हरियाणा कांग्रेस के संगठन में बदलाव हो सकता है.
ये नेता रहे मौजूद
राहुल गांधी के साथ बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी शैलजा, पार्टी के प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, सांसद दीपेंद्र हुड्डा समेत कई नेता मौजूद थे. बैठक में राहुल गांधी ने हरियाणा कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं से राय ली.
कुमारी शैलजा का यह है कहना
राहुल गांधी ने सभी नेताओं से एक-एक कर मुलाकात की और उनसे सुझाव मांगे. बैठक के बाद, हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि नए जोश के साथ जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के संबंध में कई मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता है.” लोगों ने अपनी बात रखी और राहुल गांधी ने इसे सुना.उन्होंने सभी से मुलाकात की.
भूपेंद्र हुड्डा ने रखे यह विचार
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद भूपेंद्र हुड्डा ने कहा, ‘चुनाव के लिए पार्टी को कैसे मजबूत किया जा सकता है, इस पर सभी ने अपने विचार रखे.किसी के बीच कोई कड़वाहट नहीं है और हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे. इस बैठक में पार्टी को मजबूत करने पर भी चर्चा होगी.
इस बात पर दिया जा रहा है जोर
माना जा रहा है कि राज्य के नेताओं के बीच कथित गुटबाजी को खत्म करने पर भी जोर दिया गया है. चर्चा यह भी है कि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का पद हुड्डा परिवार को दिया जा सकता है. मीडिया रिपोर्टस की माने तो, संभव है कि जल्द ही राज्य के संगठन में बदलाव हो सकता है.
दिपेंद्र हुड्डा ने किया ट्वीट
दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट कर कहा कि “आज पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ हरियाणा कांग्रेस के प्रमुख नेताओं की प्रदेश में पार्टी संगठन को मज़बूती प्रदान करने के विषयों पर सकारात्मक चर्चा हुई”.
बता दें कि कांग्रेस पार्टी भी आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल को हरियाणा में सक्रिय होना एक बड़ी चुनौती के रूप में देख रही है.कांग्रेस नेताओं को लगता है कि पंजाब में आप की शानदार जीत के लिए सीमावर्ती राज्यों हिमाचल और हरियाणा में कांग्रेस की रणनीति में बदलाव की जरूरत है. हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को लगता है कि हरियाणा के गैर-जाटों के बीच केजरीवाल की संभावित अपील को अधिक महत्व नहीं दिया जा सकता है. फिलहाल लगाए जा रहे ये सारे क्यास चुनावों के अंतिम परिणाम के बाद ही खत्म होंगे. कि कौन सी पार्टी हरियाणा चुनावों में बाजी मारती है.
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