नई दिल्ली | ट्यूशन पढ़ने जाने वाले बच्चों के परिजनों के लिए ये खबर बेहद महत्वपूर्ण है. पुलिस ने 5 ऐसी बातें साझा की है जिनपर फोकस करना सभी के लिए जरूरी है. अगर आप इन बातों को लेकर बेपरवाह रहते हैं तो आपके मासूम बच्चे भी हरियाणा के ‘सोनीपत कांड’ जैसी बड़ी वारदात का शिकार बन सकते हैं.
समय रहते पुलिस का मिला सहारा
सोनीपत कांड का शिकार बने बच्चों और परिजनों की किस्मत अच्छी रही कि समय रहते गश्त कर रही पुलिस का ध्यान बच्चों पर पड़ गया और वह बच गए, लेकिन हर बार किस्मत इतनी मेहरबान रहें, कहना बहुत मुश्किल है. ऐसे में आप पहले ही सतर्क हो जाएं तो और बेहतर रहेगा.
सोनीपत कांड की कहानी
सोनीपत कांड हरियाणा के कुंडली थाना क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले गांव शेरशाह से जुड़ा है, जहां गांव के 5 बच्चे, जिनकी उम्र 4 से 10 साल के बीच थी. सभी घर से ट्यूशन पढ़ने के लिए निकले थे, लेकिन इससे पहले कि ट्यूशन सेंटर पहुंच पाते, बीच रास्ते इन बच्चों को किडनैप कर लिया गया.
किडनैपर इन बच्चों को लेकर दिल्ली के नरेला रेलवे स्टेशन पर पहुंचे, जहां से इन्हें यूपी के हरदोई ले जाने की प्लानिंग थी. किडनैपर अपने काम को अंजाम दे पाते, उससे पहले इन बच्चों पर दिल्ली रेलवे पुलिस की नजर पड़ गई और सभी बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया.
बच्चों में डाले यह आदतें
- अपने बच्चों में बिना किसी हिचकिचाहट के ना कहने की आदत डालें.
- बच्चों को सिखाना चाहिए कि घर के बाहर जब भी वे अकेले हों, वह किसी का कोई भी ऑफर स्वीकार न करें. चाहे सामने वाला परिचित हो या फिर अजनबी.
- कोई अजनबी रास्ता पूछने के बहाने अपनी गाड़ी के पास बुलाएं तो उसके पास मत जाएं. उसकी बात को अनसुना कर आगे बढ़ जाना चाहिए.
पुलिस की 5 मुख्य बातें
- बच्चों को समझाएं कि शॉर्ट- कट के चक्कर में सुनसान रास्ते पर न चलें.
- किसी भी अजनबी की गाड़ी में लिफ्ट न लें. चाहें दोस्त भी कहते हो कि घबराने की बात नहीं है. यह अच्छा और सुरक्षित है.
- बच्चे को उसका पूरा नाम, माता- पिता का पूरा नाम, पूरा डाक पता और मोबाइल नंबर याद कराएं.
- माता- पिता/ टीचर की अनुमति के बिना स्कूल प्रांगण, बगीचे या खेल के मैदान से बाहर कभी न जाएं.
- मॉल या बाजार का एक ऐसा स्थान बच्चों को दिखाएं और खोने की स्थिति में बच्चों को उस जगह पहुंचने की बात समझाएं.