नई दिल्ली | राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अभी ईडी को हिरासत में हैं. अब सवाल उठ रहे हैं कि सरकार कैसे चलेगी? पार्टी को कौन संभालेगा? गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ही पार्टी की एकमात्र उम्मीद हैं. सुनीता केजरीवाल (Sunita Kejriwal) पिछले कुछ दिनों से मंच से बोलने की तैयारी कर रही हैं. केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद पार्टी मामलों में उनकी सक्रियता बढ़ गई है.
मौजूदा समय में अरविंद केजरीवाल की गैरमौजूदगी में सुनीता केजरीवाल ही हैं जिनके नाम पर पार्टी एकजुट है. पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति में वह अपनी सक्रियता बढ़ाएं. इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी रणनीति तैयार कर रही है.
31 मार्च को हो सकता है भाषण
जानकारी के मुताबिक, वह पार्टी को एकजुट रखने के लिए मैदान में उतरी हैं. वह 2 बार अरविंद केजरीवाल का संदेश लेकर जनता के सामने आ चुकी हैं. 31 मार्च को INDI गठबंधन की लोकतंत्र बचाने के लिए रामलीला मैदान में मेगा रैली है. इस रैली में उनका भाषण शायद पहली बार होगा. इसी रामलीला मैदान में 2011 में अन्ना आंदोलन के जरिए अरविंद केजरीवाल को बड़ा मंच मिला था.
चुनावों में मिलेगा लाभ
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो सुनीता केजरीवाल को राजनीतिक तौर पर लॉन्च करने का इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता. आप के रणनीतिकारों का मानना है कि इस मेगा रैली की सफलता का असर लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा. इस मंच के जरिए उन्हें जनता की सहानुभूति मिलेगी. इसके जरिए वह केंद्र पर हमला बोलेंगी और अपनी पार्टी का एजेंडा भी सामने रखेंगी.
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