नई दिल्ली । कोरोना (Corona) के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के सामने आने पर देशभर में फिर से कोरोना संक्रमण मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है. देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के कुल तीन लाख छह हजार के करीब केस दर्ज हुएं हैं, जबकि रविवार को कोरोना के कुल 3 लाख 33 हजार केस सामने आए हैं. ऐसे में अधिकतर विश्लेषकों का मानना है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर अपने चरम पर है.
लेकिन इन सबके बीच आईआईटी मद्रास से भी एक राहत भरी खबर सामने आई है. आईआईटी मद्रास के विश्लेषकों ने बताया है कि लगातार दूसरे वीक भारत की आर- वैल्यू में गिरावट देखने को मिली हैं. भारत में कोरोनावायरस संक्रमण फैलने की दर बताने वाली आर- वैल्यू 14 जनवरी से 21 जनवरी के बीच और कम होकर 1.57 रह गई है.
शोधकर्ताओं के विश्लेषण के अनुसार, अगले 14 दिनों में 6 फरवरी तक कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में पीक आने की संभावना है. इससे पहले पूर्वानुमान जताया गया था कि 1 फरवरी से 15 फरवरी के बीच कोरोना की तीसरी लहर अपने चरम पर होगी.
क्या है आर- वैल्यू
आर-वैल्यू बताती है कि एक व्यक्ति कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है. अगर किसी कोरोना संक्रमित की आर-वैल्यू एक है, तो उसकी ओर से एक और व्यक्ति को संक्रमित किए जाने का खतरा है. वहीं किसी संक्रमित व्यक्ति की आर- वैल्यू तीन है, तो वह तीन लोगों को संक्रमित कर सकता हैं. आईआईटी मद्रास के विश्लेषकों अनुसार 14 जनवरी से 21 जनवरी के बीच आर- वैल्यू 1.57 दर्ज की गई, जो 7 से 13 जनवरी के बीच 2.2, एक से छह जनवरी के बीच 4 और 25 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच 2.9 थी.
यह विश्लेषण आईआईटी मद्रास के गणित विभाग और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर कम्प्यूटेशनल मैथमेटिक्स एंड डेटा साइंस ने कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग के जरिए प्रोफेसर नीलेश एस उपाध्याय और प्रोफेसर एस सुंदर की अध्यक्षता में किया गया है. आईआईटी मद्रास के गणित विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ जयंत झा ने बताया कि मुंबई और कोलकाता की आर- वैल्यू से पता चलता है कि वहां महामारी का चरम खत्म हो गया है, जबकि चेन्नई और दिल्ली में यह अब भी एक के करीब है.
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