नई दिल्ली, 1 October New Rules | इस सप्ताह बैंकिंग से जुड़े हुए अपने कार्य निपटा लीजिए क्योंकि 1 अक्टूबर के बाद कई नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं. सितंबर माह के खत्म होने में अब एक सप्ताह से भी कम का समय बचा है. इसके साथ ही, अगले महीने 1 अक्टूबर से बैंक से जुड़े कई नियम दिन-ब-दिन बदलेंगे. इन बदलावों का असर आम आदमी से लेकर खास तक के जीवन पर पड़ेगा. अगले महीने जो नियम बदल रहे हैं उनमें डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी खबरें भी शामिल हैं. इसके लिए आरबीआई ने डेडलाइन भी जारी कर दी है. इसके अलावा, कई अन्य विभागों द्वारा भी नियमों में बदलाव किया जाएगा.
1 अक्टूबर से भारतीय रिजर्व बैंक के कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन नियम में बदलाव होने जा रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि टोकन प्रणाली में बदलाव के बाद कार्डधारकों के भुगतान के अनुभव में सुधार होगा और डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से लेनदेन पहले की तुलना में अधिक सुरक्षित होगा. आरबीआई के मुताबिक, अगर ग्राहक डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए ऑनलाइन, पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) या ऐप से ट्रांजैक्शन करता है तो सारी डिटेल्स एनक्रिप्टेड कोड में सेव हो जाएगी.
आपको बता दें कि अब तक ऐसा होता है कि जब हम किसी भी पीओएस, ऑनलाइन या ऐप पर डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ट्रांजैक्शन करते हैं तो उसकी डिटेल कंपनी के सर्वर में सेव हो जाती है. जब आप फिर से ऑनलाइन या ऐप पर भुगतान करने जाते हैं तो कंपनी आपसे पूरी जानकारी नहीं मांगती है. वहां आपका खाता नंबर, कार्ड नंबर आदि पहले से मौजूद हैं. आपको बस दोबारा सीवीवी दर्ज करना होता है और भुगतान हो जाता है. 1 अक्टूबर से ऐसा नहीं होगा क्योंकि कंपनी के सर्वर में डेटा स्टोर नहीं होगा. उन्हें कार्ड से जुड़ी हर जानकारी एक एन्क्रिप्टेड कोड में मिलेगी जिसे पढ़ा नहीं जा सकता.
नए नियम लागू होने के बाद क्या होगा?
नई व्यवस्था के तहत रिजर्व बैंक ने भुगतान कंपनियों को ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड का डेटा स्टोर करने पर रोक लगा दी है. भुगतान कंपनियों को अब कार्ड के बदले एक वैकल्पिक कोड देना होगा, जिसे टोकन नाम दिया गया है. ये टोकन अद्वितीय होंगे और एक ही टोकन कई कार्डों के लिए काम करेगा. एक बार यह लागू हो जाने के बाद, ऑनलाइन भुगतान के लिए, सीधे कार्ड का उपयोग करने के बजाय, एक अद्वितीय टोकन का उपयोग करना होगा.
ऐसे लोग नहीं ले पाएंगे अटल पेंशन योजना का लाभ
अटल पेंशन योजना सरकार की लोकप्रिय पेंशन योजनाओं में से एक है. इस योजना में निवेश करने वालों को 5000 रुपये तक की मासिक पेंशन मिलती है. अब 1 अक्टूबर से इस योजना में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. नए नियमों के तहत अब आयकर देने वाले लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं. यह नया नियम 1 अक्टूबर 2022 से प्रभावी होगा. ऐसे में करदाताओं के पास अभी भी अटल पेंशन योजना का लाभ लेने का मौका है.
आप 30 सितंबर तक करदाता होने पर भी इसमें निवेश कर सकते हैं. मौजूदा नियमों के अनुसार, 18 वर्ष से 40 वर्ष की आयु के बीच का कोई भी भारतीय नागरिक सरकार की इस पेंशन योजना में शामिल हो सकता है, भले ही वह आयकर का भुगतान करता हो या नहीं.
डीमैट खाता होगा अधिक सुरक्षित
अगर आप डीमैट अकाउंट होल्डर हैं और इसके जरिए आप शेयर बाजार में शेयर खरीदते या बेचते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने 14 जून को एक सर्कुलर जारी किया था. तदनुसार, डीमैट खाताधारकों के लिए 30 सितंबर, 2022 तक दो-कारक प्रमाणीकरण सक्षम करना बहुत महत्वपूर्ण है. यदि आप दो-कारक प्रमाणीकरण सक्षम नहीं करते हैं, तो आप 1 अक्टूबर 2022 से अपने डीमैट खाते में प्रवेश नहीं कर पाएंगे.
एनएसई ने कहा इस परिपत्र में कहा गया है कि खाताधारक को अपने डीमैट खाते में लॉग इन करने के लिए बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण को प्रमाणीकरण कारक के रूप में उपयोग करना होगा. इसके साथ ही दूसरा तरीका नॉलेज फैक्टर हो सकता है. यह एक पासवर्ड, पिन या कोई भी स्थिति कारक हो सकता है जो केवल उपयोगकर्ता को ही पता होता है.
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