नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के शहरों को जोड़ने के लिए रैपिड रेल कॉरिडोर योजना पर काम हो रहा है. दिल्ली- पानीपत और दिल्ली- अलवर रेल कॉरिडोर बनाया जाएगा और दिल्ली- मेरठ RRTS प्रोजेक्ट के प्रथम चरण का काम शुरू हो चुका है. दिल्ली- अलवर के बीच RRTS की कुल लंबाई 106 किलोमीटर और दिल्ली- पानीपत रैपिड रेल कॉरिडोर 103.2 किलोमीटर लंबा होगा.
हालांकि इन प्रोजेक्ट्स के लिए पिछले दो साल से केंद्र सरकार की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है. बता दें कि दिल्ली- अलवर रेल कॉरिडोर तीन राज्यों दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान की सीमा से होकर गुजरेगा. इस रेल कॉरिडोर के ट्रैक का निर्माण दिल्ली की सीमा में 22 किलोमीटर, हरियाणा में 83 किलोमीटर और राजस्थान में 2 किलोमीटर में किया जाएगा. इस रेल कॉरिडोर का 70.5 किलोमीटर भाग एलिवेटेड होगा और 36 किलोमीटर भाग अंडरग्राउंड तैयार किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर दिल्ली से अलवर का सफर 70 मिनट में तय हो सकेगा.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ट्रांसपोर्ट निगम (NCRTC) के अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली- गुरुग्राम- एसएनबी (शाहजहांपुर, निमराणा, बहरोड़ अर्बन कॉम्प्लेक्स) प्रोजेक्ट की डीपीआर को हरियाणा और राजस्थान सरकार द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है लेकिन केन्द्र सरकार की आखिरी मंजूरी का इंतजार जारी है. यह प्रोजेक्ट फिलहाल प्री-कंस्ट्रक्शन मोड़ पर है और जैसे ही केन्द्र सरकार की ओर से अंतिम मंजूरी प्रदान की जाएगी, एक महीने के भीतर काम शुरू हो जाएगा.
इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे अधिकारियों ने बताया कि 22 इलेक्ट्रिक हाईटेंशन लाइन जो इस रेल कॉरिडोर के बीच में आ रही है, इन्हें शिफ्ट किया जाएगा. इनमें से 10 को NCRTC की ओर से शिफ्ट किया जा चुका है. शेष बची 12 लाईनों को स्थानीय प्रशासन के सहयोग से पॉवर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया के द्वारा शिफ्ट करने का काम जारी है.
106 किलोमीटर के रुट पर 16 स्टेशन
106 किलोमीटर लंबे इस रुट पर 16 स्टेशन बनाएं जाएंगे. यें स्टेशन सराय काले खां, जोरबाग, मुनरिका, एयरो-सिटी, उद्योग विहार, सेक्टर 17, राजीव चौक, खेड़की धौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक, धारूहेडा, एमबीआईआर, रेवाड़ी, बाबल और एसएनबी होंगे. 7 स्टेशन (उद्योग विहार, सेक्टर 17, राजीव चौक, खेड़की धौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक) गुरुग्राम में बनाए जाएंगे. इसमें से 2 स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे, जबकि शेष 5 स्टेशन एलिवेटेड होंगे.
इस कॉरिडोर के बन जाने के बाद दिल्ली से बहरोड़ तक 106 किलोमीटर का सफर हाई स्पीड ट्रेन से महज 70 मिनट में तय किया जा सकेगा. इस ट्रेक पर ट्रेन के दौड़ने की गति 180 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी और 5 से 10 मिनट में यात्रियों को ट्रेन की सुविधा उपलब्ध रहेगी.
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