नई दिल्ली | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की लाइफलाइन कही जाने वाली मेट्रो से जुड़ी एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. मिली जानकारी के अनुसार, 1 जुलाई से दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन पर बिना ड्राइवर के मेट्रो का परिचालन होगा. यह पूरी लाइन ड्राइवरलेस होने जा रही है. इस रूट की मेट्रो ट्रेनों से अब ड्राइवरों के केबिन भी हटाएं जा रहें हैं ताकि उस जगह का इस्तेमाल यात्रियों के बैठने के लिए किया जा सकें.
बता दें कि ड्राइवरलेस मेट्रो में ट्रेन अटेंडेंट की व्यवस्था होती है, लेकिन अब इनको हटाकर मेट्रो को पूरी तरह से मानवरहित कर दिया जाएगा. मैजेंटा लाइन के बाद पिंक लाइन को भी ड्राइवरलेस बनाया जाएगा. अब सभी के मन में एक सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर बिना ड्राइवर के मेट्रो कैसे दौड़ेगी?
बिना ड्राइवर इस तरह चलेगी मेट्रो
चालक रहित ट्रेन ऑपरेशन (DTO) मोड के जरिए मेट्रो ट्रेन का संचालन बिना ड्राइवर के होगा. इस दौरान मेट्रो को DMRC के कमांड सेंटरों से कंट्रोल किया जाता है. इनमें कोई भी इंसानी हस्तक्षेप नहीं होता है. संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण (CBTC) सिग्नलिंग टेक्नोलॉजी से ट्रेनें चलाई जाती हैं. इस दौरान ट्रेनों के उपकरणों की निगरानी रियल टाइम में की जाती है. वैसे ड्राइवरलेस ट्रेन तकनीक का एक पैरामीटर होता है जो ग्रेड्स ऑफ़ ऑटोमेशन (GOA) कहलाता है.
GOA टेक्नोलॉजी
- GOA की फर्स्ट टेक्नोलॉजी में ट्रेन ड्राइवर चलाता है.
- GOA की सेकेंड और थर्ड टेक्नोलॉजी में ड्राइवर सिर्फ गेट खोलने और इमरजेंसी हालात में ही ट्रेन चलाता है, जबकि ट्रेन का ठहराव ऑटोमैटिक तरीके से होता है.
- GOA की फोर्थ टेक्नोलॉजी में ट्रेन पूरी तरह से ऑटोमेटेड होती है.
GOA की फोर्थ टेक्नोलॉजी करेगी काम
बता दें कि इस तरह की टेक्नोलॉजी दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) के पास साल 2017 से मौजूद हैं. अब दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन पूरी तरह से GOA की फोर्थ टेक्नोलॉजी के आधार पर चलेगी. इसके लिए पिछले काफी लंबे समय से मैजेंटा लाइन पर ट्रायल भी चल रहा था.
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