दिल्ली के 69 पेड़ों को बचाने के लिए DMRC ने किया अपना प्लान चेंज, उठाया ये सराहनीय कदम

नई दिल्ली | राजधानी दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा पेड़ों को बचाने के लिए एक सराहनीय फैसला लिया गया है. दरअसल, DMRC द्वारा 69 पेड़ों को बचाने के लिए फेज़- 4 के कंस्ट्रक्शन प्लान को रीरिजाइन किया गया है. बता दें कि चौथे फेज़ का काम दिसंबर 2019 में शुरू हुआ था, जिसके बाद कोरोना के चलते इसका काम प्रभावित हुआ. इसके लिए कुल 15,508 पेड़ों को काटने या ट्रांसप्लांट करने की मंजूरी पूरी दिल्ली में दी गई थी. मौजपुर मजलिस पार्क कॉरिडोर में 71 पेड़ों को काटने की हरी झंडी का अभी भी इंतजार है. 5,003 पेड़ों को काटा जा रहा है. 7,000 से ज्यादा पेड़ों को ट्रांसप्लांट किया जा रहा है.

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TREE ROAD 2

DMRC ने किया प्लान में बदलाव

जनकपुरी वेस्ट से आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर को री डिजाइन करने का काम किया गया है. 69 पेड़ों को काटने से बचने के लिए डीएमआरसी ने जनकपुर वेस्ट से आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर में अपने कंस्ट्रक्शन प्लान में बदलाव किए हैं. डीएमआरसी के अधिकारी ने बताया कि डीएमआरसी की यह कोशिश रहती है कि किसी भी निर्माण के दौरान पेड़ों वाले हिस्सों से बचा जाए. पेड़ों को काटने और ट्रांसप्लांट करने की मंजूरी देरी से मिलने की वजह के कारण ही फेज- 4 के 3 कॉरिडोर का काम भी देरी से हुआ है.

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दिसंबर 2019 में शुरू हुआ फेज़ 4 का काम

दिसंबर 2019 में शुरू हुए 4 फेस के तहत, डीएमआरसी ने 3 कॉरिडोर पर 65.2 किलोमीटर के रुट में 45 स्टेशन बनाने का काम शुरू किया था. इनमें जनकपुरी वेस्ट- आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर जो की 28.1 किलोमीटर लंबा है. साथ ही, 12.55 किलोमीटर लंबा मौजपुर- मजलिस पार्क कॉरिडोर और 23.62 किलोमीटर लंबा एरोसिटी- तुगलकाबाद कॉरिडोर शामिल है.

1998 में शुरू हुआ था पहले फेज़ का काम

फर्स्ट फेस का काम 1998 हुआ था और 2005 में खत्म हुआ था इस दौरान 13,858 पेड़ काटे और 3584 पेड़ों को ट्रांसप्लांट किया गया था. 2005 से 11 के बीच फेस टू का काम शुरू किया गया था. इसदौरान डीएमआरसी द्वारा 17,997 पेड़ काटे और 3052 पैसों को ट्रांसप्लांट किया गया था. 125 किलोमीटर के इस हिस्से में 89 स्टेशन शामिल थे. वहीं, फेस 3 के तहत 11,872 पेड़ काटे और 506 पेड़ ट्रांसप्लांट किए गए. 9 साल तक चलने वाले इस फेस के तहत 160 किलोमीटर रेल नेटवर्क में 109 स्टेशन शामिल रहे.

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