Driving License Rules: ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में सरकार ने किया बड़ा बदलाव, जाने

नई दिल्ली। Driving License बनवाने वालों के लिए यह जरूरी खबर है. बता दे कि ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर सरकार द्वारा नए नियम बना दिए गए हैं. इन नियमों के तहत अब आपको ड्राइविंग लाइसेंस के लिए रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी. बता दें कि केंद्र सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियमों को बेहद आसान कर दिया है. नए नियमों के अनुसार अब आपको किसी तरह का कोई ड्राइविंग टेस्ट आरटीओ में जाकर देने की आवश्यकता नहीं होगी.

TRAFFIC POLICE

सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के नियमों में किया बदलाव 

केंद्रीय सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय ने इन नियमों को नोटिफाइड कर दिया है. यह नियम इसी महीने से लागू हो चुके हैं. नए नियम के लागू होने से करोड़ों लोगों को राहत मिलेगी. मंत्रालय की ओर से उन एप्लीकेंट्स को यह सूचित किया गया है कि जो ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए आरटीओ में अपने टेस्ट का इंतजार कर रहे हैं, अब वह ड्राइविंग लाइसेंस के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. उन्हें ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल से ट्रेनिंग लेनी होगी और वहीं पर टेस्ट को पास करना होगा. बता दे कि स्कूल की ओर से एप्लीकेंट्स को ए सर्टिफिकेट दिया जाएगा, इसी सर्टिफिकेट के आधार पर एप्लीकेंट का ड्राइविंग लाइसेंस बना दिया जाएगा.

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जानिए ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम

  •  ट्रेनिंग सेंटर स्कूल को लेकर सड़क और परिवहन मंत्रालय की ओर से कुछ गाइडलाइंस और शर्तें भी जारी की गई, जिसमें ट्रेनिंग सेंटर का क्षेत्रफल से लेकर ट्रेनर की शिक्षा तक शामिल है.
  • वही अधिकृत एजेंसीया यह सुनिश्चित करेगी कि दो पहिया,  तिपहिया और हल्के मोटर वाहनों के ट्रेनिंग सेंटर के पास कम से कम 1 एकड़ जमीन हो, वही मध्यम और भारी यात्री माल वाहनों, ट्रेलरो के लिए सेंटर्स के लिए 2 एकड़ जमीन की जरूरत होगी.
  • ट्रेनर कम से कम 12th पास होना चाहिए, साथ ही उसके पास 5 साल का ड्राइविंग अनुभव होना चाहिए. उसे यातायात के नियमों का अच्छी तरह से पता होना चाहिए.
  • वही मंत्रालय ने एक शिक्षण पाठ्यक्रम भी निर्धारित किया है. जिसमें हल्के मोटर वाहन चलाने के लिए पाठ्यक्रम की अवधि अधिकतम 4 सप्ताह होगी, जो 29 घंटों तक चलेगी. इन ड्राइविंग सेंटर्स के पाठ्यक्रम को दो हिस्सों में बांटा जाएगा, जिसमें थ्योरी और प्रैक्टिकल शामिल होगी.
  • लोगों को बुनियादी सड़के, ग्रामीण सड़कें,राजमार्गों, शहर की सड़कें, पार्किंग,  चढ़ाई और डाउन हिल ड्राइविंग वगैरह पर गाड़ी चलाने के लिए 21 घंटे खर्च करने होंगे. थ्योरी हिस्से को पाठ्यक्रम के 8 घंटे में शामिल किया गया है.
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