नई दिल्ली | कॉटन के भाव (Cotton Price) में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है, जिसके चलते मिलों की मांग में बढ़ोतरी होने की उम्मीद जगी है. सूत्रों का कहना है कि बाजार इससे ज्यादा गिरावट की उम्मीद नहीं कर रहा है. गुजरात के किसान धीरे- धीरे कॉटन को मार्केट में ला रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कॉटन के भाव में गिरावट से मांग में तेजी दर्ज हो रही है. कॉटन के भाव में 53 हजार रूपए प्रति कैंडी तक की गिरावट आई है.
MSP से नीचे पहुंचा भाव
कपास फसल की कम बिजाई के बावजूद भी कीमतों में दबाव दिखाई दे रहा है. मंडियों में कपास का भाव MSP से नीचे पहुंच गया है. मंडियों में प्रतिदिन 1.6 लाख बेल्स की आवक बनी हुई है. सूत्रों के मुताबिक, कॉटन की आधी आवक की खरीद CCI कर रहा है और CCI न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद कर रहा है.
सूत्रों का कहना है कि कॉटन के भाव में गिरावट की वजह से गुजरात के किसान कपास की फसल को घर से बाहर नही निकाल रहे हैं, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि भाव में तेजी आएगी. महाराष्ट्र और कर्नाटक से गिनर्स को सप्लाई हो रही है.
7% कम उत्पादन की आंशका
कॉटन को लेकर CAI का कहना है कि 2024- 25 में 7% कम उत्पादन की आशंका है. 302 लाख बेल्स के उत्पादन की उम्मीद है. हालांकि, घरेलू खपत 313 लाख बेल्स पर कायम है. 22 नवंबर तक 42.60 लाख बेल्स की आवक हुई है.
कॉटन के दामों में आई रिकवरी
CAI के प्रेसिडेंट अतुल गनात्रा ने बताया कि कॉटन के भाव में बढ़ोतरी दर्ज हो रही है. भाव 500- 1,000 रुपये की बढ़त के साथ 53,000- 54,000 रुपये प्रति कैंडी तक पहुंचे है. ड्यूटी के साथ इंपोर्ट 60,000 रुपये प्रति कैंडी होगा. CCI की खरीद से असर दिखाई देगा. उन्होंने आगे बताया कि स्पिनिंग मिलों का डिमांड अच्छी होने के चलते कपास की खरीद बढ़ रही है. वहीं, एक्सपोर्ट में भी इजाफा दिखाई दे रहा है.
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