नई दिल्ली । दिल्ली से गुरुग्राम के बीच वाहन चालकों को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा द्वारका एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य में जुटी हुई है. एनएचएआई अधिकारियों ने बताया कि हमने नवम्बर माह तक हरियाणा की सीमा में बनने वाली 19 किलोमीटर लंबी सड़क को दो चरणों में पूरा कर यातायात शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
वहीं दिल्ली के हिस्से में बनने वाली 10 किलोमीटर लंबी सड़क को तैयार होने में मई 2023 तक का समय लग सकता है क्योंकि दिल्ली के हिस्से में बनाई जा रही टनल निर्माण के चलते प्रोजेक्ट को पूरा करने में थोड़ी देरी हो सकती है. पहले इसे मार्च 2023 तक शुरू करने की उम्मीद जताई गई थी.
29 किलोमीटर लंबा द्वारका एक्सप्रेसवे कई मायनों में अपने आप में खास होगा. इससे जयपुर की तरफ जाने वाले वाहन जाम में फंसे बिना सीधे एनएच-8 पर शिव मूर्ति के पास से एक्सप्रेस-वे पकड़ कर निकल सकेंगे. एक्सप्रेस-वे के तैयार होने पर वाहनों को गुरुग्राम के अंदर एंट्री करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस एक्सप्रेस-वे पर वाहन 100 से 120 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ सकेंगे. इस एक्सप्रेस-वे को तैयार करने के लिए एनएचएआई देश की पहली अर्बन टनल बना रही है.
एनएचएआई अधिकारियों ने बताया कि 3.6 किलोमीटर लंबी इस टनल को बनाने में विशेष किस्म की मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसके चलते टनल निर्माण कार्य में थोड़ा समय ज्यादा लग रहा है. इस प्रोजेक्ट के अगले साल मई तक पूरा होने की उम्मीद है लेकिन उससे पहले हरियाणा के हिस्से में 19 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस- वे को इसी साल नवंबर तक यातायात के लिए खोलने की हरसंभव कोशिश की जा रही है.
एक्सप्रेसवे का अधिकांश हिस्सा एलिवेटेड होगा
द्वारका एक्सप्रेस-वे पर एनएचएआई तकनीकी रूप से कई प्रयोग कर रही है. यह देश का पहला एक्सप्रेस-वे होगा, जिसमें आठ लेन की एलिवेटेड रोड़ की लंबाई सबसे अधिक होगी. अभी तक देश में अधिकांश एलिवेटेड रोड़ छह लेन की हैं. एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 29 किलोमीटर है, जिसमें से 23 किलोमीटर का हिस्सा एलिवेटेड होगा. दिल्ली के अधिकांश हिस्से में अर्बन टनल और एलिवेटेड रोड़ ही होगी और हरियाणा में भी करीब 80 से 90 फीसदी हिस्सा एलिवेटेड होगा.
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