नई दिल्ली | राजधानी दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में घिरे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आखिरकार प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा हस्तक्षेप करने और गिरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार करने के बाद ईडी ने ये कार्रवाई की है. नवंबर 2023 से ED और केजरीवाल के बीच जुगलबंदी चल रहा थी.
केजरीवाल के खिलाफ मिले सबूत
ED ने अपने पिछले आरोप पत्र में तथा कथित साउथ ग्रुप के कारोबारी समीर महेंद्रू के साथ केजरीवाल की बातचीत का भी हवाला दिया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर विजय नायर को माई बॉय कहा था. आप के पूर्व संचार प्रमुख नायर पर शुरू से ही साउथ ग्रुप के साथ मिलीभगत का आरोप लगता रहा है. कथित तौर पर दक्षिण के एक व्यवसायी सारथ रेड्डी ने ईडी को बताया कि नायर ने समूह और के के व्यवसायियों के साथ चर्चा की थी. कविता और दक्षिण समूह के पक्ष में शराब नीति को प्रभावित करने के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि का प्रस्ताव दिया गया था.
ईडी अब केजरीवाल को हिरासत में लेकर उनसे उनकी कथित बातचीत और नायर के साथ संबंधों के बारे में पूछताछ करना चाहती है. एजेंसी यह भी चाहती है कि केजरीवाल जवाब दें कि क्या उन्होंने मार्च 2021 में सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी से मुलाकात की थी, जब दिल्ली आबकारी शराब नीति के बारे में चर्चा हुई थी. इस बैठक में केजरीवाल ने कथित तौर पर कहा था कि कविता को इस नीति के बारे में पहले से ही जानकारी थी. कविता के घर पर छापेमारी के बाद रिश्वत की रकम के भुगतान और लॉन्ड्रिंग को लेकर नए सबूत जुटाए गए हैं. अधिकारियों ने कहा कि केजरीवाल अपने जवाबों में टालमटोल कर रहे थे और इसलिए हिरासत में पूछताछ की जरूरत थी.
कविता की गिरफ्तारी से मिले थे संकेत
पिछले हफ्ते भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता के.कविता की गिरफ्तारी से संकेत मिला कि ED अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी कार्रवाई तेज करने जा रही है. बीआरएस नेता के खिलाफ ईडी के बयान में कहा गया है जांच से पता चला है कि के. कविता ने अन्य लोगों के साथ मिलकर कथित तौर पर दिल्ली के केजरीवाल और मनीष सिसौदिया सहित आप के शीर्ष नेताओं के साथ साजिश रची थी. कथित तौर पर आप नेताओं को 100 करोड़ रुपये देने में शामिल थीं. ईडी केजरीवाल का सामना कविता से करा सकती है, जो 23 मार्च तक एजेंसी की हिरासत में रहेंगी.
9 समन को किया था नजरअंदाज
कथित तौर पर केंद्र सरकार और सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर काम करने को लेकर ईडी भले ही विपक्ष के निशाने पर रही हो, लेकिन अरविंद केजरीवाल मामले में कानूनी सलाह से पता चलता है कि जांच ठोस आधार पर थी. अधिकारियों के मुताबिक कानूनी सलाह यह थी कि केजरीवाल ने नौ समन को नजरअंदाज कर अपने लिए मामला और खराब कर लिया है.
आप संयोजक ने पहले तो समन को अवैध और राजनीति से प्रेरित बताया और फिर कहा कि वह वी- कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने ईडी से स्पष्टीकरण भी मांगा कि किस हैसियत से उन्हें समन जारी किया जा रहा है. गुरुवार को ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि केजरीवाल को उनकी निजी हैसियत से पूछताछ के लिए बुलाया गया था, न कि आप के राष्ट्रीय संयोजक के तौर पर.
हाई कोर्ट ने कही थी ये बात
दिल्ली की एक अदालत द्वारा ईडी की याचिका के खिलाफ जमानत दिए जाने के बाद अरविंद केजरीवाल काफी उत्साहित थे, लेकिन हाई कोर्ट में उनकी याचिका का कोई नतीजा नहीं निकला. गुरुवार को जब केजरीवाल ने ठोस कार्रवाई से सुरक्षा मांगी तो हाई कोर्ट ने मामले में दखल देने से इनकार कर दिया.
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से पूछा कि ईडी को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने से कौन रोक रहा है. राजू ने कहा हमने कभी नहीं कहा कि हम गिरफ़्तारी करने जा रहे हैं. उनके पास शक्ति है. आप जांच में शामिल हों, हम गिरफ़्तारी कर भी सकते हैं और नहीं भी.
इसके 1 घंटे के अंदर ईडी की 12 सदस्यीय टीम दिल्ली पुलिस और अन्य अधिकारियों के साथ दिल्ली सीएम आवास पहुंची. तलाशी के बाद मोबाइल फोन और डिजिटल डिवाइस जब्त कर लिए गए. रात करीब 9 बजे केजरीवाल को साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया.
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