नई दिल्ली | बढ़ती महंगाई के बीच आम आदमी के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है. गौरतलब है कि खाने के तेल की कीमतों (Edible Oil Price) को नियंत्रित करने के लिए सरकार कई प्रयास कर रही है. जिसका असर एक बार फिर खाद्य तेलों देखने को मिला है. प्रमुख खाद्य तेलों के आयात और निर्यात में संतुलन बनाए जाने के कारण इसमें 10 फीसद तक की गिरावट आई है. खुदरा बाजार की बात करें तो अभी यह गिरावट 8.84 फीसद तक है. हालांकि इसमें भी केंद्र सरकार शीघ्र संतुलन बनाए जाने का दावा कर रही है.
खाद्य तेलों की कीमतों को नियंत्रित कर रही सरकार
ग्रामीण विकास तथा उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से जब बढ़ती महंगाई को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि खाने के तेल की कीमतों (Edible Oil Price) को नियंत्रित करने के लिए सरकार की तरफ से कई प्रयास किए जा रहे हैं. ज्योती ने आगे बताया कि ”देश में वनस्पति तेलों की उपलब्धता बढ़ाने तथा तिलहन के उत्पादन व उत्पादकता में बढ़ोतरी करके खाद्य तेलों की कीमतों में कमी करने में सरकार हमेशा आगे रही है. उन्होंने बताया कि ”पाम आयल सहित कोकम, जंगली खुबानी, नीम, करंज, सिमरौबा, जत्रोफा की खेती के क्षेत्रफल का भी विस्तार किया जा रहा है.”
खाद्य तेलों में पिछले साल से ज्यादा आयात
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों में पिछले साल की तुलना में ज्यादा आयात किया है. पाम आयल की बात करें तो पिछले साल 13180 टन आयात किया गया था और इस इस बार 1,78,134 टन आयात किया गया है. वहीं, आयात के साथ – साथ निर्यात में भी कमी आई है. पिछले साल पाम आयल 54.7 टन निर्यात किया गया था वहीं इस बार महज 36.95 टन पाम आयल का ही निर्यात हुआ है.
प्रमुख खाद्य तेलों की थोक व खुदरा कीमतों में गिरावट
- सरसों के तेल की थोक कीमत में 2.70 फीसदी और खुदरा कीमतों में 2.76 फीसदी की गिरावट आई है.
- वनस्पति में इस बार थोक कीमत में 3.05 फीसदी और खुदरा कीमतों में 3.11 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.
- सोयाबीन तेल की थोक कीमत में लगभग 4.74 फीसदी और खुदरा कीमतों में 3.74 फीसदी की गिरावट हुई है.
- सूरजमुखी तेल की बात करें तो इसमें करीब 4.04 फीसदी और खुदरा कीमतों में 4.16 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.
- पामोलीन तेल में 10.04 फीसदी और खुदरा कीमतों में 8.84 फीसदी की गिरावट हुई है.