नई दिल्ली | Smart Prepaid Electricity Meter लगाने को लेकर चर्चाओं का दौर लंबे समय से जारी है. केन्द्र सरकार का भी मानना है कि प्रीपेड मीटर लगाने के बाद सरकारी घाटा कम हो जाएगा. केन्द्र की मोदी सरकार ने हाल ही में केरल समेत कई अन्य राज्यों में दिसंबर 2023 तक स्मार्ट मीटर को घरों और कार्यालयों में इंस्टाल करने के निर्देश जारी किए हैं. आइए हम आपको यहा स्मार्ट मीटर के काम करने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.
Smart Prepaid Electricity Meter
जैसा की नाम से ही पता चल रहा है कि ये प्रीपेड की तर्ज पर काम करेगा. अभी तक बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं से बिजली खर्च करने के बाद ही बिल का भुगतान करवाती थी लेकिन अब इस प्रकिया में बदलाव किया जा रहा है. प्रीपेड मीटर लगाने का मतलब है कि आपको पहले ही अपने बिजली खाते में पैसे डालने होंगे. मीटर रिचार्ज होने के साथ आपको फोन पर एसएमएस के जरिए बता दिया जाएगा कि कितना रिचार्ज हुआ है तो कितनी बिजली आपको मिलेगी.
आपके मोबाइल नंबर पर एसएमएस आने का मतलब है कि आपका प्रीपेड मीटर रिचार्ज हो चुका है. एक बार तय सीमा पर बिजली की खपत करने के बाद आपके फोन पर दूसरा एसएमएस भी आएगा जिसमें आपके मीटर पर बची हुई बिजली का पूरा ब्यौरा दिया जाएगा. सरकार कहती हैं कि अभी तक उपभोक्ता पहले बिजली का इस्तेमाल कर लेता है और बाद में बिजली बिल के रुप में भुगतान करता है. कई केस में बिजली बिल का भुगतान नहीं करते और मजबूरन बिजली काटनी पड़ती है.
दिखने में ये मीटर कोई अलग नहीं होंगे. पोस्टपेड मीटर्स की ही तरह ये भी घर के बाहर ही इंस्टॉल हो जाएंगे. इसमें कुछ भी स्पेशल करने की जरूरत नहीं होगी. बस आपको फोन से रिचार्ज ही करना होगा. मीटर्स को लेकर नियम बनाए जा रहे हैं. एक बार पूरे होने के बाद इन्हें बहुत तेजी से इंस्टाल करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाए जाएंगे.
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