नई दिल्ली | केंद्र सरकार IIT एडवांस्ड की जगह संयुक्त इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा आयोजित करने पर विचार कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिके, केंद्र सरकार ने आईआईटी काउंसिल की बैठक में इसे लेकर एक सुझाव भी रखा था. जिसमें कहा गया था कि सीएफटीआई, आईआईटी, एनआईटी समेत देश के अन्य केंद्रीय वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों में प्रवेश के लिए एक सामान्य इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए. इसके साथ ही, सरकार की योजना जेईई एडवांस को रोकने की भी है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बैठक में राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) की ओर से सभी CFTI संस्थानों के लिए एक संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव पेश किया गया. यह प्रस्ताव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सुझावों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है.
आईआईटी ने किया खारिज
हालांकि, ज्यादातर आईआईटी के निदेशकों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. खबरों के मुताबिक, वह संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के पक्ष में नहीं हैं. आईआईटी के निदेशक के हवाले से कहा गया है कि ज्यादातर संस्थान संयुक्त प्रवेश परीक्षा के पक्ष में नहीं हैं क्योंकि इससे आईआईटी की अपनी अलग पहचान और विशिष्टता खत्म हो जाएगी.
परीक्षा पैटर्न पर होगी समीक्षा
बता दें कि बैठक में आईआईटी काउंसिल को मौजूदा परीक्षा पैटर्न की समीक्षा करने के लिए भी कहा गया है ताकि कोचिंग की जरूरत कम हो सके. इसके लिए आईआईटी दिल्ली को 5 महीने के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया है. दरअसल, कोचिंग संस्थान लाखों रुपए लेकर बच्चों को पढ़ाती है. जिससे जो बच्चे गरीब होते हैं, उन्हें पढ़ने का अवसर नहीं मिल पाता है. यही कारण है कि सरकार ने इस फैसले को लिया है.
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