नई दिल्ली । केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसान बॉर्डर पर डटे हुए हैं और अब राज्यों से पलायन करने वाले प्रवासी मजदूरों को भी अपने साथ धरना स्थल पर बुलाने में जुट गए हैं. इस प्रकार बॉर्डर पर हो रहे धरना प्रदर्शन में भीड़ को बढ़ाने की कोशिशें की जा रही हैं. इसके साथ ही किसान प्रतिरोध सप्ताह भी मनाया जा रहा है. नए कृषि कानूनों के नुकसान के संबंध में किसानों व अन्य लोगों को बताया जा रहा है और सरकार का विरोध करने की याचना की जा रही है.
दूसरी ओर, एक बार फिर से पंजाब के किसानों ने दिल्ली बॉर्डर की तरफ कूच करना आरंभ कर दिया है. जैसे कि फसल की कटाई का काम पूर्ण हो चुका है इसलिए बुधवार को लगभग 6,000 किसान खनोरी से दिल्ली के लिए रवाना हुए. भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां किसानों के काफिले का नेतृत्व कर रहे हैं. इसके साथ ही बुधवार को किसानों ने टिकरी बॉर्डर पर गदर आंदोलन की वर्षगांठ को मनाया. इस अवसर पर गदरी बाबा अमर रहे के नारे लगाए गए.
कुल हिंद किसान सभा पंजाब के नेता रुलदू सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण की आड़ लेकर सरकार किसान आंदोलन को बिखेरना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि किसान कोई भी वैक्सीन नहीं लगवाएंगे, क्योंकि किसी भी किसान को कोरोना संक्रमण नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि मई में किसानों का दिल्ली कूच का प्रोग्राम रद्द किया जा सकता है. उन्होंने कहा किसान आंदोलन को मजबूत बनाए रखने हेतु फिलहाल दिल्ली जाना सही नहीं होगा, क्योंकि दिल्ली में किसान नेताओं पर कई केस दर्ज हैं. अगर किसान नेता दिल्ली गए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा और किसान आंदोलन विफल हो जाएगा.
भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां के अनुसार कोरोना संक्रमण से तो केवल 1 दिन ही मरेंगे परंतु यदि केंद्र सरकार द्वारा तीन नए कृषि कानूनों को लागू कर दिया गया तो किसान प्रतिदिन भूख से मरेंगे. 4 महीनों से किसान दिल्ली बॉर्डर पर मोर्चा लगाकर बैठे हैं.
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