नई दिल्ली | आधुनिकता के इस युग में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानि UPI आमजन की जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है. आजकल अधिकतर लोग हर छोटी बड़ी खरीदारी के लिए UPI के जरिए पेमेंट करने को प्राथमिकता देते हैं. ऐसे में अब UPI का संचालन करने वाला नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 24 मार्च 2023 को एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि UPI से मर्चेंट ट्रांजक्शन पर प्रीपेड पेमेंट प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट (PPI) फीस लागू किया जाएगा.
इस अधिसूचना के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति प्रीपेड पेमेंट प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट जैसे मोबाइल वॉलेट के जरिए व्यापारियों को 2,000 रुपये से अधिक की राशि ट्रांसफर करता है तो ऐसी स्थिति में इसे इंटरचेंज फीस का भुगतान करना होगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि PPI के अन्तर्गत कार्ड और वॉलेट आता है.
इतने रुपए देनी होगी इंटरचेंज फीस
NPCI द्वारा जारी अधिसूचना में बताया गया है कि 2,000 हजार रुपए से अधिक की राशि का कुल 1.1 प्रतिशत इंटरचेंज फीस के रूप में भुगतान करना होगा. बता दें कि यहां NPCI ने अलग- अलग क्षेत्र के लिए अलग- अलग इंटरचेंज फीस तय की है. कृषि और टेलिकॉम क्षेत्र में सबसे कम इंटरचेंज फीस वसूली जाएगी. यह चार्ज मर्चेंट ट्रांजैक्शंस यानि व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को ही देना पड़ेगा.
इन्हें नहीं देनी होगी इंटरचेंज फीस
NPCI द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, बैंक अकाउंट और PPI वॉलेट के बीच पीयर-टू-पीयर (P2P) और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट (P2PM) में किसी तरह की ट्रांजैक्शन पर कोई फीस नहीं देनी होगी. इस नए नियम को 1 अप्रैल से लागू करने के बाद NPCI इसकी समीक्षा 30 सितंबर 2023 से पहले करेगा.
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