नई दिल्ली । कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का आज नौवां दिन है. सरकार के साथ शनिवार को होने वाली बैठक से पहले किसानों ने आज बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने 8 दिसंबर को भारत बंद करने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि अब वे दिल्ली की बाकी बची हुई सड़कों को भी ब्लॉक कर देंगे. किसानों की मीटिंग के बाद,इसकी जानकारी उनके नेता हरविंदर सिंह लखवाल द्वारा दी गई.
सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी लगाई गई है. इस अर्जी में किसानों को दिल्ली की सीमाओं से तुरंत हटाने के बारे में कहा गया है क्योंकि इन प्रदर्शनकारियों की वजह से कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है. पेटीशनर के वकील ओमप्रकाश परिहार ने यह जानकारी दी है. अभी तक इस अर्जी पर सुनवाई का दिन तय नहीं हुआ है.
किसानों को मिला बंगाल की मुख्यमंत्री का साथ
किसानो को आज बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी साथ मिला है. ममता बनर्जी ने कई किसान नेताओं से फोन पर बात की है और उन्होंने उनसे कहा है कि कृषि बिलो को लेकर तृणमूल पार्टी आपके साथ है. किसानों के समर्थन में अवार्ड वापसी का सिलसिला दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा. बता दें कि लेखक डॉ मोहन जीत, चितक डॉक्टर जसविंदर और पत्रकार सब राजवीर ने अपने साहित्य अकादमी अवार्ड लौटा दिए.
गुरुवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल द्वारा भी अपना पद्म विभूषण अवार्ड वापिस लौटा दिया गया था. इसके अलावा राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा भी अपना पद्म भूषण वापस करने का ऐलान कर चुके हैं.
कनाडा के प्रधानमंत्री के बयान से नाराज विदेश मंत्रालय
आंदोलन को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान पर विदेश मंत्रालय ने सख्त एतराज जताया है. मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि भारतीय किसानों को लेकर कनाडा के नेताओं का बयान हमारी अंदरूनी मामलों में दखलअंदाजी है.ऐसा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.अगर ऐसा जारी रहा तो दोनों देशों के रिश्तो को नुकसान पहुंच सकता है. ट्रुडो ने गुरू नानक जयंती के अवसर पर प्रदर्शनकारी किसान नेताओं का समर्थन किया था.
केंद्र सुधार के लिए राजी, पर किसान नहीं
किसानों और केंद्र के बीच 1 दिन पहले यानी गुरुवार को हुई बातचीत में यह साफ हो गया था कि आंदोलन अभी थमने वाला नहीं है. क्रांतिकारी किसान यूनियन के लीडर दर्शन पाल ने आज कहा कि केंद्र कानूनों में कुछ सुधार पर राजी है, और हम उन सुधारों के लिए राजी नहीं है. उनके द्वारा बताया गया कि पूरे कानून में ही खामी है.
हम कल होने वाली मीटिंग से पहले आज आपस में बातचीत करेंगे और अपनी रणनीति तैयार करेंगे. संगठनों के बीच बैठक जारी है. आंदोलन के चलते दिल्ली बॉर्डर पर 9 पॉइंट पर ट्रैफिक बंद कर दिया गया है. कुछ अन्य रास्ते दिल्ली जाने के लिए है. लेकिन इन पर भी ट्रैफिक की स्थिति खराब है हरियाणा और पंजाब के किसान लगातार बॉर्डर पर जमा हो रहे हैं.आज रात टिकरी और सिंधु बॉर्डर पर हजारों युवा जमा होंगे.
केंद्र और किसानों के बीच चौथे दौर की बातचीत करीब 7 घंटे चली. बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को भरोसा दिलाया कि मिनिमम सपोर्ट प्राइस को छुआ नहीं जाएगा. इसमें कोई बदलाव नहीं होगा. एक्ट में शामिल प्रावधानों में किसानों को सुरक्षा दी जाएगी. जमीन की लिखा पढ़ी कोई नहीं कर सकता.
किसानो द्वारा यह साफ, कहा गया कि मामला मात्रा एमएसपी का नहीं है, बल्कि पूरे कानून को वापस लेने का है. उन्होंने कहा कि बहुत से मुद्दों पर बातचीत होनी चाहिए. और केंद्र किसानों के बीच अगली बैठक 5 दिसंबर को होंगी.
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