नई दिल्ली | लोकसभा चुनावों के नतीजे घोषित हो चुके हैं. जल्द ही केंद्र में नई सरकार का गठन होगा. माना जा रहा है कि NDA सरकार में एक बार फिर से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद पर कार्यरत होंगे. वहीं, CNBC आवाज को सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि खरीफ फसलों की MSP में बढ़ोतरी हो सकती है.
मिली जानकारी के अनुसार, खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में केन्द्र सरकार 5- 10% तक की बढ़ोतरी कर सकती हैं. कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) ने सरकार को अपने सुझाव भेज दिए हैं और नई सरकार की पहली कैबिनेट मीटिंग में इस फैसले पर मुहर लगाए जाने की संभावना है.
किसकी कितनी बढ़ सकती है MSP
- धान 5%
- मूंग दाल 5%
- सोयाबीन 5%
- तुअर दाल 8- 10%
- उड़द दाल 8- 10%
दलहन- तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देना लक्ष्य
हरियाणा- पंजाब में धान की जगह पर दलहन- तिलहन की खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा हैं क्योंकि सरकार के पास चावल का काफी बड़ा भंडार मौजूद हैं. बता दें कि 55 प्रतिशत के करीब खाने का तेल और 15% दलहन को विदेशों से इंपोर्ट कर घरेलू डिमांड को पूरा किया जा रहा है. ऐसे में सरकार इन फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए एमएसपी में बढ़ोतरी कर सकती हैं.
क्या है MSP?
आसान शब्दों में बयां करें तो सरकार किसानों की फसलों को लेकर एक निर्धारित दाम तय करती है. देश में लगातार अकाल और खाद्य संकट के बीच इसकी शुरुआत का उद्देश्य किसानों को नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर देश में अनाज और दालों का उत्पादन बढ़ाना था.
यह किसानों के लिए एक भरोसा था कि सरकार उनकी फसलों की खरीद निश्चित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करेगी. ये दाम डिमांड और सप्लाई के दबाव में कभी नहीं आएंगे. कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर सरकार हर साल 23 फसलों के लिए MSP की घोषणा करती है. सीएसीपी कृषि मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला आयोग है.
इन फसलों की होती है MSP पर खरीद
इसमें 7 अनाज (मक्का, ज्वार, बाजरा, धान, गेहूं, जौ और रागी), पांच दालें (मूंग, अरहर, चना, उड़द और मसूर), सात तिलहन (सोयाबीन, तिल, सूरजमुखी, कुसुम, मूंगफली, तोरिया- सरसों, और नाइजर बीज) और चार कमर्शियल फसलें (कपास, खोपरा, गन्ना और कच्चा जूट) शामिल हैं.
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