दिल्ली । तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने आंदोलन को तेज करने की तैयारी कर ली है. संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में निर्णय लिया गया कि सरकार द्वारा ‘आपरेशन क्लीन’ का जवाब ‘आपरेशन शक्ति’ से दिया जाएगा. इसके तहत किसान’ प्रतिरोध सप्ताह’ मनाकर सभी मोर्चों पर कोरोना से बचाव के इंतजाम करेंगे. वहीं 24 अप्रैल से किसानों को मोर्चा पर आने का आह्वान भी किया गया है.
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में बनी रणनीति का खुलासा करते हुए मोर्चे के सदस्य योगेन्द्र यादव ने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण के बहाने आंदोलन को खत्म करने की साज़िश रच रही है. मोर्चा ने चेतावनी दी कि ऐसी कोई कार्रवाई हुई तो किसान डटकर मुकाबला करेंगे. वहीं संसद कूंच की तारीख का ऐलान बाद में किया जाएगा. मोर्चा ने घोषणा कि हैं कि सभी मोर्चों पर मंगलवार 20 अप्रैल से लेकर सोमवार 26 अप्रैल तक” प्रतिरोध सप्ताह” मनाया जाएगा.
किसान फिर दिल्ली चलो का देंगे नारा
भारतीय किसान यूनियन (उग्राहा) पहले ही अपने सदस्यों को 21 अप्रैल से टिकरी बार्डर पर पहुंचने का आह्वान कर चुका है. 24 अप्रैल को किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बाहर चल रहे किसान संघर्ष के 150 दिन पूरे हो रहे हैं. किसानों को मैसेज भेजे जाएंगे और उन्हें दिल्ली की सीमाओं पर बुलाया जाएगा. तब तक गेहूं कटाई का काम भी तकरीबन पूरा हो जाएगा.
कोरोना के खिलाफ भी जंग की तैयारी
- हर ट्राली या टेंट में कोरोना से बचाव की जानकारी दी जाएगी.
- वैक्सीनेशन कैंप का इंतजाम होगा, ताकि 45 वर्ष से अधिक उम्र के किसान टीका लगवा सकें.
- रोज की बैठकों में भीड़ के चलते संक्रमण फैलने से रोकने के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे.
- कैंप में थर्मामीटर, मास्क व आक्सीमीटर की संख्या बढ़ाएंगे. कोविड 19 के लक्षण दिखने पर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.