भारत में बहुत जल्द दौड़ेगी हाईड्रोजन से चलने वाली पहली ट्रेन, हरियाणा में इस रूट पर संचालन की तैयारी

नई दिल्ली | हिंदुस्तान के लोगों को बहुत जल्द हाईड्रोजन से संचालित होने वाली पहली ट्रेन की सौगात मिलने जा रही है. जर्मनी की TUV- SUD ट्रेन को लेकर सुरक्षा के लिए सेफ्टी ऑडिट करवाने वाली है. इस मामले के जानकार लोगों का कहना है कि दिसंबर 2024 में ही ट्रेन का ट्रायल रन शुरू हो सकता है. इसके साथ ही भारत जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन और चीन जैसे उन देशों की सूची में शामिल हो जाएगा जहां पहले से ही हाइड्रोजन ट्रेन का संचालन किया जा रहा है.

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इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे पहले 35 ट्रेनों का संचालन करेगा और एक ट्रेन पर 80 करोड़ रूपए का खर्च आएगा. इसका ग्राउंड इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में भी 70 करोड़ रुपये खर्च होंगे. एक अधिकारी ने बताया कि सिस्टम एकीकृत यूनिट बैटरी और दो फ्यूल इनिट का टेस्ट सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है.

हरियाणा में दौड़ेगी पहली ट्रेन

हाईड्रोजन से संचालित होने वाली ट्रेन सबसे पहले जींद – सोनीपत सेक्शन पर चलाई जा सकती है. हरियाणा में ट्रेन के लिए हाइड्रोजन 1 मेगावाट पॉलीमर इलेक्ट्रोलाइट में ब्रेन इलेक्ट्रोलाइजर से मिलेगी जो कि जींद में स्थित होगा. यहां प्रतिदिन करीब 430 किलोग्राम हाइड्रोजन बनाई जाएगी. यहां 3000 किलोग्राम हाइड्रोजन स्टोरेज की भी क्षमता होगी.

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हाईड्रोजन ट्रेन की खासियत

दरअसल, हाइड्रोजन ट्रेन हाइड्रोजन फ्यूल से चलती है. इसमें इंजन की जगह पर हाइड्रोजन फ्यूल सेल्स लगाए जाते हैं. ये ट्रेनें कार्बन-  डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन या फिर पार्टिकुलेट मैटर जैसे प्रदूषक नहीं रिलीज करेंगी. इससे प्रदूषण नहीं होगा. हाइड्रोजन फ्यूल सेल्स की मदद से हाइड्रोन फ्यूल का इस्तेमाल करके बिजली बनाई जाती है.

इस तरह की ट्रेन को हाइड्रेल भी कहते हैं. इस ट्रेन में चार कोच हो सकते हैं. इस ट्रेन को नीलगिरी माउंटेन रेलवे, दार्जिलिंग हिमालयन, कालका शिमला रेलवे, कांगड़ा घाटी और बिलमोरा वाघई और मारवाड़ देवगढ़ मदारिया रूट पर चलाने की योजना है. यह ट्रेन 140 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ेगी. कपूरथला और इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में इस ट्रेन को तैयार किया जा रहा है. हालांकि, डीजल के मुकाबले हाईड्रोजन से संचालन महंगा पड़ेगा लेकिन पर्यावरण के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा.

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