नई दिल्ली | महंगाई की वजह से सरसों तेल का तड़का आमजन की पहुंच से दूर होता जा रहा है. इन दिनों मार्केट में सरसों तेल 175 रुपए प्रति लीटर की कीमत से बिक रहा है जबकि मिल के तेल का भाव 200 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा बना हुआ है. थोक विक्रेताओं ने बताया कि फसल उत्पादन अच्छा हुआ, लेकिन जमाखोरी के चलते लोगों तक यह सस्ते दामों पर उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.
इसलिए बढ़ रहा है मूल्य
एक थोक विक्रेता ने बताया कि सरसों की अच्छी पैदावार होने के कारण लगभग दो महीने से तेल की कीमतों में इजाफा तो नहीं हुआ है लेकिन भाव में उतनी गिरावट भी नहीं आई जितनी आनी चाहिए थी. मौजूदा समय में स्टाकिस्टों ने एक बार फिर से तेल का स्टाक करना शुरू कर दिया हैं और यही स्थिति रही तो फिलहाल भाव कम होने के आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं.
रसोई का अन्य सामान भी हुआ महंगा
एक किराना व्यापारी का कहना है कि थोक बाजार में महंगाई की रफ्तार थोड़ी धीमी है तो खुदरा में भाव और तेज हैं. मध्यम वर्गीय व निम्न वर्ग के परिवार भले ही कुछ कटौती कर लें, लेकिन आवश्यक जरूरत की वस्तुओं में कटौती करना संभव नहीं है. रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाला आटा भी महंगा हो गया है.
धनिया, जीरा और हल्दी ने भी सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं. दाल, खाद्य तेल, साबुन, चाय, चीनी जैसी आवश्यक वस्तुओं का कोई विकल्प नहीं दिखाई देता. इनका उपयोग तो करना ही पड़ रहा है. यही वजह है कि आमजन का मासिक बजट बिगड़ रहा हैं और चौतरफा महंगाई की मार उसकी जेब पर डाका डालने का काम कर रही है.
ऐसे बढ़ी सामान की कीमतें
एक माह पहले का मूल्य – वर्तमान समय का मूल्य
• रिफाइंड 150 रु.प्रति ली. 170-175
• चना दाल 75 रु. 80-90
• बेसन 95 रु. 100-105
• चीनी 38 रु. 42-44
• काबुली चना 100 रु. 120-130
• तिल तेल 150 रु. 200-210
• जीरा 200 रु. 280-320
• देशी घी 520 रु. 550-590
• नमक 22 रु.प्रति किग्रा 24
(कीमत रुपये प्रति किग्रा)
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