नई दिल्ली। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायक लंबे समय से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. अब जल्द ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायकों को एक बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है. बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों में काम करने के लिए नियुक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायक ग्रेच्यूटी के हकदार है.
जल्द मिलेगी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को अच्छी खबर
बता दे कि न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्र भी वैधानिक कर्तव्य का पालन करते हैं. जिस वजह से वह भी सरकार की विस्तारित इकाई बन गई हैं. वही पीठ ने कहा कि ग्रेच्युटी भुगतान कानून 1972 आंगनवाड़ी केंद्रों और आंगनवाडी कार्यकर्ता और सहायकों पर भी लागू होगा.
उच्चतम न्यायालय ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 के प्रावधानों और शिक्षा के अधिकार, कानून की धारा 11 के अनुसार आंगनवाड़ी केंद्र भी वैधानिक कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं. वही पीठ की तरफ से गुजरात हाईकोर्ट की एकल पीठ के निष्कर्ष की भी पुष्टि की गई. बता दें कि उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने जिला विकास अधिकारी द्वारा दायर अपीलों पर एकल पीठ के फैसले को खारिज करते हुए फैसला दिया था कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 1972 के कानून की धारा 2 ई के अनुसार कर्मचारी नहीं कहा जा सकता.
वहीं न्यायमूर्ति ओका ने एक अलग फैसले मे कहा कि इस प्रकार आंगनवाड़ी केंद्र राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और गुजरात सरकार द्वारा बनाए गए नियमों को ध्यान में रखते हुए सरकार की एक विस्तारित शाखा बन गए हैं. संविधान के अनुच्छेद 47 के अनुसार परिभाषित राज्यों के दायित्व को प्रभावी बनाने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना की जाती है और ऐसे में कहा जा सकता है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाडी सहायक के पद वैधानिक है.
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