नई दिल्ली | अगर आप अगले कुछ महीनों में मनाली घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. अब हिमाचल जाने में आपका समय भी बचेगा और खर्चा भी कम होगा. आप कम समय में अधिक से अधिक गंतव्यों की यात्रा कर सकते हैं. आप एक ही दिन में कई जगहों की सैर कर सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि हिमाचल में बन रही कुल 37 सुरंगों में से 9 इस साल अप्रैल में खुल जाएंगी.
41 किमी की दूरी होगी कम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टनल खुलने के बाद 237 किमी लंबा यह हाईवे 196 किमी लंबा हो जाएगा यानी सफर के दौरान करीब 41 किमी की दूरी कम हो जाएगी. इन सुरंगों के खुलने के बाद मनाली को जोड़ने वाली 5 सुरंगों का काम भी जल्द पूरा होने वाला है. इन्हें भी जल्द खोल दिया जाएगा.
मनाली को जोड़ने वाली इन सुरंगों के खुलते ही चंडीगढ़ से सफर करने में करीब 4 घंटे का समय बचेगा. बिलासपुर- मनाली हाईवे भी मई-जून में बनकर तैयार हो जाएगा. इन सभी कार्यों के पूरा होने के बाद यात्रियों के लिए करीब 13 घंटे की बचत होगी.
यहां तक कर सकेंगे यात्रा
इन सुरंगों के पूरा होने के बाद आप किसी भी मौसम में हिमाचल और मनाली की यात्रा कर सकते हैं. इनके तैयार होने के बाद न तो लैंड स्लाइड का सामना करना पड़ेगा और न ही बर्फबारी में सड़क जाम की समस्या होगी. पर्याप्त समय होने के बाद आप मनाली में एक दिन रुकने के बाद आगे बढ़ सकते हैं.
कीरतपुर-मनाली-कुल्लू हाईवे पर कुल 14 टनल बनाई जा रही हैं. 237 किमी के हाईवे को घटाकर 196 किमी कर दिया जाएगा. इसमें 41 बड़े पुल बनाए जा रहे हैं. वहीं, शिमला- बिलासपुर हाईवे पर 12 टनल बनने जा रही हैं. हाईवे तैयार होने के बाद 224 किमी का हाईवे 170 किमी रह जाएगा. यानी दूरी 54 किमी कम हो जाएगी. इस हाईवे पर 22 बड़े पुल बनाए जाएंगे.
परियोजना अगले तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य
हिमाचल की सभी परियोजनाओं को अगले तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इनमें से कीरतपुर- नेरचौक हाईवे अप्रैल में खोल दिया जाएगा. सफर के दौरान खतरनाक मोशन सिकनेस और सिकनेस की समस्या लगभग खत्म हो सकती है. हाईवे के बीच में जो सुरंगें बन रही हैं या बनने वाली हैं, उनसे पानी और पहाड़ को कोई नुकसान नहीं होगा.
ऐसे बनाई गई सुरंगें
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!हम 3 साल के भीतर सभी परियोजनाओं को पूरा करने की योजना के तहत काम कर रहे हैं. कीरतपुर-नेरचौक हाईवे अप्रैल तक खोला जा रहा है. समय और दूरी की बचत होगी लेकिन अधिक ऊंचाई पर मोशन सिकनेस के कारण बड़ी संख्या में पर्यटक नहीं आ पा रहे हैं. खासकर बच्चे और महिलाएं उल्टी के कारण सफर करने से कतराते हैं जो अब नहीं होगा. सुरंगों के निर्माण में पर्यावरण पहलुओं को ध्यान में रखा गया है. पानी और पहाड़ को कोई नुकसान नहीं हुआ है. प्रयास किया गया है कि पर्यटक पानी और पहाड़ों का भी नजारा देख सकें. इसी सोच को ध्यान में रखकर ब्लू ब्रिज बनाया जा रहा है- अब्दुल बासित, क्षेत्रीय प्रभारी, एनएचएआई, हिमाचल