नई दिल्ली | किसानों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से केन्द्र की मोदी सरकार ने विपणन वर्ष 2022-23 के लिए पंजाब और हरियाणा के लिए गेहूं खरीद के नियमों में ढील देने का फैसला लिया है. केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सिकुड़े और टूटे दानों के साथ गेहूं की उचित औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) में दामों में बिना किसी कटौती के 18 फीसदी तक की छूट दी गई है.
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को चंडीगढ़ समेत पंजाब और हरियाणा से गुणवत्ता नियमों में छूट के साथ गेहूं की खरीद की मंजूरी दी गई है. मंत्रालय का मानना है कि इस फैसले से किसानों की परेशानी कम होगी और उन्हें दबाव में गेहूं बिक्री के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा.
इन किसानों को मिलेगा फायदा
केन्द्र सरकार के इस फैसले का सबसे अधिक फायदा उन किसानों को होगा, जिनकी गेहूं की फसल के दाने या तो सिकुड़ गए थे या फिर टूट गए थे. बता दें कि इस बार समय से पहले अधिक गर्मी पड़ने से गेहूं का दाना सिकुड़ गया था और इसका सीधा असर फसर उत्पादन पर भी देखने को मिला है. वहीं गेहूं खरीद से सरकार का भंडारण भी बढ़ेगा. सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों से गेहूं खरीद लिया जाएं.
पंजाब सरकार ने की थी मांग
पंजाब सरकार ने पिछले महीने केंद्र सरकार से मांग की थी कि चालू विपणन वर्ष 2022-23 (अप्रैल से मार्च) में गेहूं खरीद के लिए गुणवत्ता नियमों में ढील दी जाए. सिकुड़े और टूटे दानों के लिए सीमा छह फीसदी है और राज्य ने 20 फीसदी तक की छूट मांगी थी.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!