हरियाणा में मिल रही पड़ोसी राज्यों से भी ज्यादा बुढ़ापा पेंशन, हो सकती है और ज्यादा बढ़ोतरी

नई दिल्ली | जीवन भर कमाई करने के बाद बुढ़ापे में यदि इंसान आर्थिक रूप से सक्षम है तो वह किसी पर बोझ नहीं बनता. इसको मद्देनजर रखते हुए सरकारों द्वारा बुढ़ापा पेंशन की शुरुआत की गई थी. बात करें यदि राजस्थान की तो यहाँ 1150 रुपए बुढ़ापा पेंशन दी जा रही है, जो कि बुजुर्ग लोगों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा के समान साबित होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि महीने भर का खर्च इतनी पेंशन में चला पाना काफी ज्यादा मुश्किल होता है. जो बुजुर्ग इस पेंशन के पात्र हैं वह काफी ज्यादा गरीब वर्ग से संबंध रखते हैं, लेकिन फिर भी जीवन यापन के लिहाज से यह राशि काफी कम साबित होती है.

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दिल्ली में भी मिल रही हरियाणा के कम पेंशन

इसलिए बार- बार सरकार से इसे बढ़ाए जाने की मांग भी की जाती है, ताकि बुजुर्ग अपनी दवाओं और भोजन आदि की न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा कर सकें. वहीं पडोसी राज्यों दिल्ली, पंजाब और उत्तराखंड में भी पेंशन की राशि हरियाणा से कम दी जा रही है.

बात करें अगर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की तो यहाँ 60 से 69 वर्ष के आयु के बुजुर्गों को ₹2000 तथा 70 वर्ष से ज्यादा आयु के बुजुर्गों को ₹2500 बुढ़ापा पेंशन दी जा रही है. वहीं, पंजाब और उत्तराखंड में ₹1500 न्यूनतम मासिक पेंशन दी जा रही है. ऐसे में बुजुर्गों के लिए पेंशन राशि से अपनी जरूरत का सामान खरीद पाना काफी मुश्किल साबित हो रहा है.

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हरियाणा में मिल रही ज़्यादा बुढ़ापा पेंशन

इस तरह से अगर देखा जाए तो पड़ोसी राज्यों के मुकाबले हरियाणा में बुढ़ापा पेंशन ज्यादा दी जा रही है. यहाँ इस साल 1 जनवरी से बुजुर्गों को 2700 रुपए से बढ़कर ₹3000 मासिक पेंशन देना शुरू कर दी गई. हालांकि, विधानसभा चुनावों में अपने घोषणा पत्र में बीजेपी सरकार द्वारा इसमें बढ़ोतरी किए जाने का वायदा भी किया था. अब क्योंकि प्रदेश में तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है, तो ऐसे उम्मीद लगाई जा जा रही है कि बुढ़ापा पेंशन में और ज्यादा वृद्धि देखने को मिल सकती है.

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