नई दिल्ली | कार खरीदते वक्त हर ग्राहक दूसरे फीचर्स के साथ सेफ्टी फीचर्स को काफी अहमियत देता है. आजकल कार में दुर्घटना की स्थिति में एयरबैग एक बहुत ही महत्वपूर्ण सुरक्षा विशेषता के रूप में कार्य करता है. लेकिन कई बार ऐसा भी देखा गया है कि कुछ हादसों के बाद भी एयरबैग नहीं खुले. इससे कार में बैठे लोगों को काफी नुकसान हुआ है. मगर अब अगर दुर्घटना की स्थिति में एयरबैग नहीं खुलते हैं तो ऐसे में कार कंपनियों को ग्राहकों को जुर्माना भरना होगा.
SC की ये सख्त टिप्पणी
ऐसे ही एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर दुर्घटना की स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एयरबैग नहीं खुलते हैं तो कंपनियों को जुर्माना भरना पड़ेगा. मौके पर एयरबैग नहीं खुलना कार कंपनियों की बड़ी लापरवाही मानी जाएगी. जुर्माना लगाने से कंपनियों में सुरक्षा को लेकर ज्यादा जागरूकता आएगी और वे इसे लेकर ज्यादा गंभीर होंगे. आपको बता दें कि यह सुनवाई जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की बेंच ने की है.
क्या है मामला
साल 2015 में शैलेंद्र भटनागर नाम के शख्स ने Hyundai Motor India Limited की कार Creta खरीदी थी. साल 2017 में इस कार का एक्सीडेंट हुआ था जिसमें कार के एयरबैग नहीं खुले थे. इससे ग्राहक को उस हादसे में गंभीर चोटें आई थी. इसके बाद शैलेंद्र ने कंज्यूमर फोरम में कार कंपनी के खिलाफ याचिका दायर कर कहा कि उन्होंने सेफ्टी फीचर को देखते हुए यह कार खरीदी है.
लेकिन हादसे के वक्त इसके सेफ्टी फीचर काम नहीं किए और उन्हें गंभीर चोटें आई हैं. इसके बाद उपभोक्ता फोरम ने शैलेंद्र भटनागर के पक्ष में फैसला सुनाया. हुंडई ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी लेकिन कोर्ट ने हुंडई की याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कंपनी को ग्राहक की कार बदलने का आदेश दिया है. इसके साथ ही, उसे 3 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया.
आपको बता दें कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए केंद्र सरकार ने 1 जनवरी, 2022 से कार में एयरबैग लगाना अनिवार्य कर दिया है. इससे कार में यात्रा करते समय यात्रियों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी. और किसी भी तरह की घटना होने पर यात्रियों को सुरक्षा प्रदान होगी.
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