नई दिल्ली | दिव्यांगजनों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है. केंद्र की मोदी सरकार (Central Govt) ने कम- से- कम 40% दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण और पदों की पहचान सुव्यवस्थित करने के लिए व्यापक दिशा- निर्देश जारी किए हैं. इसमें ऐसे पदों की समय- समय पर पहचान और उनका मूल्यांकन करने के लिए समितियों का गठन अनिवार्य किया गया है.
दृष्टि बाधित, चलने- फिरने में अक्षम, श्रवण बाधित व बौद्धिक अक्षमता सहित विभिन्न श्रेणियों में सीधी भर्ती और पदोन्नति में 4% आरक्षण का भी प्रावधान किया गया है.
इसलिए उठाया गया है कदम
केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा- निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि अगर कोई पद दिव्यांगजनों के लिए उपयुक्त समझा जाता है तो उसके बाद के पदोन्नति वाले सभी पद भी दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षित रहेंगे. ये दिशा- निर्देश दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के अनुरूप हैं. यह कदम दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दिव्यांगजनों के अधिकार (आरपीडब्ल्यूडी) अधिनियम 2016 के क्रियान्वयन में विसंगतियों को चिह्नित करने और पदों की पहचान में अनधिकृत कार्रवाई के लिए केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) जैसी संस्थाओं की आलोचना करने के बाद उठाया गया है.
3 साल में व्यापक समीक्षा अनिवार्य
दिल्ली हाईकोर्ट ने इसके साथ दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) को समान दिशा- निर्देश बनाने का आदेश दिया है. नए दिशा-निर्देशों का उद्देश्य केंद्र सरकार के प्रतिष्ठानों में दिव्यांगजनों को रोजगार में समावेशिता, निष्पक्षता और एकरूपता सुनिश्चित करना है.
इनके मुताबिक, प्रौद्योगिकीय प्रगति और नौकरी की नई आवश्यकताओं को शामिल करने के लिए चिह्नित पदों की हर 3 साल में व्यापक समीक्षा आवश्यक है. दिशा- निर्देशों में लंबित रिक्तियों को समय पर भरने, व्यापक प्रचार- प्रसार करने व आरक्षण नीतियों से छूट के लिए 3 साल की वैधता अवधि पर भी जोर दिया गया है.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!