नई दिल्ली | कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच जारी विवाद में भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने बड़ा फैसला लिया है. WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए IOA ने सात सदस्यीय समिति का गठन किया है. इस कमेटी के सदस्यों में मैरी कॉम, डोला बनर्जी, अलकनंदा अशोक, योगेश्वर दत्त, सहदेव यादव और 2 अधिवक्ताओं के नाम शामिल हैं.
बैठक में लिया गया ये निर्णय
आईओए ने शुक्रवार को बड़ी बैठक बुलाई थी. आईओए ने कहा कि यह गंभीर मामला है. हम मामले की जांच करने जा रहे हैं. हम सभी संबंधित पक्षों को बुलाएंगे. आईओए सदस्य सहदेव यादव भी जांच समिति में हैं. जांच के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है.
इससे पहले खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ और उसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को 72 घंटे में स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया था. हालांकि, बृजभूषण शरण सिंह की ओर से शुक्रवार को जवाब दाखिल किया गया है. बृजभूषण के बेटे प्रतीक भूषण सिंह ने इस संबंध में जानकारी दी है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी नोटिस जारी किया था.
शुक्रवार को बृजभूषण के बेटे प्रतीक भूषण सिंह का बयान आया है. प्रतीक ने कहा कि हम औपचारिक रूप से इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं. वह (बृज भूषण शरण सिंह) 22 जनवरी को डब्ल्यूएफआई की वार्षिक आम बैठक में मीडिया को संबोधित करेंगे. यह बैठक अयोध्या में होने जा रही है. हमने अपना आधिकारिक बयान खेल मंत्रालय को दे दिया है.
तीन दिनों से दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे पहलवान
आपको बता दें कि दिल्ली के जंतर मंतर पर तीन दिन से पहलवान प्रदर्शन कर रहे हैं. बुधवार को भारतीय पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक समेत 30 पहलवानों ने मोर्चा खोलकर कुश्ती महासंघ और उसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध जताया. खिलाड़ियों ने कहा कि महिला पहलवानों का यौन शोषण होता है. उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.
डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष खुलेआम पहलवानों से बदसलूकी करते हैं. दुव्र्यवहार किया जाता है. पहलवानों का आरोप है कि कुश्ती महासंघ नियमों के नाम पर पहलवानों को परेशान कर रहा है. पहलवानों ने कुश्ती महासंघ को भंग करने की मांग उठाई है.
खेल मंत्रालय ने 72 घंटे में जवाब था मांगा
इस घटनाक्रम के बाद खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ को बुधवार रात ही स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया और 72 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा. लखनऊ में 18 जनवरी से लगने वाला कैंप रद्द कर दिया गया. दिल्ली महिला आयोग ने भी मामले में संज्ञान लिया और खेल मंत्रालय को नोटिस भेजा. केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के आह्वान पर धरना देने वाले पहलवान गुरुवार देर रात उनके सरकारी आवास पर पहुंच गए. यहां खेल मंत्री ने पहलवानों के साथ डिनर किया और एक-एक कर सभी से बात की. कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को बुलाकर 24 घंटे के भीतर इस्तीफा देने का आदेश दिया गया.
बृजभूषण ने दीपेंद्र हुड्डा को ठहराया दोषी
वहीं, बृजभूषण शरण सिंह ने आरोपों पर सफाई दी थी. उन्होंने कहा कि अगर आरोप सही साबित होते हैं तो मैं फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं. मुझ पर जो भी आरोप लगाए गए हैं, वह दीपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस द्वारा प्रायोजित हैं. कुछ ही खिलाड़ी हैं जो विरोध कर रहे हैं, जिनका करियर खत्म हो गया है. वह मुझ पर आरोप लगा रहा है. मैं किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हूं. जब कुछ नहीं किया जाता तो किसी बात का डर नहीं रहता. 15 दिन पहले खिलाड़ी मेरे लिए अच्छा कहते थे लेकिन आज मुझ पर इतने आरोप लगाए जा रहे हैं. आखिर ऐसा क्यों. यह धरना भी शाहीन बाग के धरने की तरह ही प्रायोजित है. मैं किसी भी तरह के सवाल के लिए तैयार हूं.
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