नई दिल्ली | देश के अधिकतर राज्यों में प्रदूषण बढ़ रहा है. वहीं, राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. एक बार फिर ऑड- ईवन लागू करने का फैसला किया है. यह ऑड- ईवन 13 से 20 नवंबर तक लागू रहेगा. मौजूदा समय में एक्यूआई रोजाना 400 से 500 के पार पहुंच रहा है. जिस वजह से यह फैसला लिया गया है.
आपको बता दें कि सरकार के फैसले के मुताबिक, दिल्ली में बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल कारों पर प्रतिबंध जारी रहेगा और कोई विनिर्माण नहीं होगा. एंट्री करने पर 20 हजार का चालान कटेगा. इसके अलावा, दिल्ली में स्कूलों को लेकर भी बड़ा फैसला लिया गया है. अब 6वीं, 7वीं, 8वीं, 9वीं और 11वीं की फिजिकल कक्षाएं 10 नवंबर तक बंद रहेंगी.
#WATCH | Delhi Environment Minister Gopal Rai says, “…There is a little improvement in Delhi’s AQI as compared to yesterday but it is still in the severe category. Delhi CM Arvind Kejriwal has called a meeting to make decisions on how to control pollution in Delhi…There will… pic.twitter.com/fCobfDLLCj
— ANI (@ANI) November 6, 2023
दिल्ली में ग्रेप 4 हुआ लागू
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के स्तर के हिसाब से ग्रेप 3 और अब ग्रेप 4 भी लागू कर दिया है. इसके तहत दिल्ली में ट्रकों की एंट्री रोक दी गई है. दरअसल, प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर इलाका जहरीली गैस का चैंबर बन गया है. दिल्ली में खतरनाक स्तर पर पहुंचे प्रदूषण के आज दर्ज किए गए आंकड़े बेहद डरावने नजर आए.
आज दिल्ली के कई इलाकों में AQI 600 के पार पहुंच गया और आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली इस वक्त दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है. प्रदूषण के जहर का असर सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, बल्कि नोएडा और गुरुग्राम के इलाकों में भी दिख रहा है. लोगों को अब चिंता सताने लगी है कि प्रदूषण बढ़ेगा तो बीमारियां भी बढ़ेंगी.
आड ईवन से हो सकता है लाभ
दिल्ली सरकार की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021-22 के आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी में कुल 79.17 पंजीकृत वाहन हैं. दिल्ली विधानसभा में पेश रिपोर्ट में दिल्ली सरकार ने कहा था कि राजधानी में प्रति हजार लोगों पर 472 वाहन पंजीकृत हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में करीब 52 लाख दोपहिया वाहन और 20.76 लाख कारें पंजीकृत हैं.
इसके अलावा 93500 ऑटो, 85033 टैक्सी, 17522 बसें, 1145 एम्बुलेंस, 2.61 लाख मालवाहक वाहन और 1.14 अन्य यात्री वाहन पंजीकृत हैं. यानी अगर ऑड-ईवन लागू हुआ तो दिल्ली की सड़कों पर कारों की संख्या आधी हो जाएगी और प्रदूषण करीब 15 फीसदी तक कम हो सकता है. अब आने वाला समय ही बता पाएगा कि ऑड- ईवन सिस्टम लागू करने से कितना फायदा होता है.
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