नई दिल्ली । भारत में ऊंचे वेतन का स्वर्णिम युग अगले साल फिर से लौटने की उम्मीद जताई गई है. एक रिपोर्ट के अनुसार 2022 में भारत के कर्मचारियों के वेतन में औसतन 9.3% की बढ़ोतरी होगी. 2021 में इसके 8% रहने का अनुमान जताया जा रहा है. वैश्विक सलाहकार, ब्रोकिंग और समाधान कंपनी विलिस टावर्स वॉटसन की ‘वेतन बजट योजना रिपोर्ट’ में कहा गया है कि कंपनियों के लिए कर्मचारियों को आकर्षित करने व उन्हें अपने साथ जोड़े रखने की चुनौती है. ऐसे में 2022 में कंपनियों द्वारा कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि स्वाभाविक है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वर्ष सबसे अधिक वेतन वृद्धि एशिया- प्रशांत के देशों में होगी. इस रिपोर्ट में अगले एक साल के दौरान कारोबारी परिदृश्य में सुधार की उम्मीद जताई गई है. छमाही सर्वे की यह रिपोर्ट मई और जून 2021 के दौरान एशिया- प्रशांत की विभिन्न उधोग क्षेत्रों की 1,405 कंपनियों के बीच किया गया, जिनमें से 435 कंपनियां भारत से हैं.
रिपोर्ट के अनुसार 52% भारतीय कंपनियों का मानना है कि अगले 12 माह के दौरान उनका राजस्व परिदृश्य सकारात्मक रहेगा.2020 की चौथी तिमाही में ऐसा मानने वाली कंपनियों की संख्या 37% थी. कारोबारी परिदृश्य में सुधार का सीधा असर नौकरियों में युवाओं के लिए अवसर पैदा करेगा और वेतन वृद्धि भी देखने को मिलेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि 30% कंपनियां अगले एक साल के दौरान नई नियुक्तियों की तैयारी कर रही है.
रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कामकाज जैसे इंजीनियरिंग (57.5 %), सूचना प्रौद्योगिकी (53.3 %), तकनीकी कौशल (34.2 %) बिक्री (37 %) और वित्त (11.6 %) में सबसे अधिक भर्तियां देखने को मिल सकती है. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में नौकरी छोड़ने की दर भी क्षेत्र के अन्य देशों की तुलना में कम रही है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि हाई-टेक सेक्टर में सबसे ज्यादा 9.9 % वेतनवृद्धि होने की उम्मीद है। इसके बाद कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और रिटेल सेक्टर में 9.5 % और मैन्यूफैक्चरिंग में 9.30 % वेतनवृद्धि होने का अनुमान है. वहीं दूसरी ओर एनर्जी सेक्टर में सबसे कम 7.9 % वेतनवृद्धि होने का अनुमान है.
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