नई दिल्ली । बड़े लेन-देन की जानकारी छिपाने वालों के लिए यह सूचना बेहद जरूरी है क्योंकि आयकर विभाग का आईटी तंत्र अब मजबूत हो गया है. अब आयकर विभाग आपकी रिटर्न दाखिल करने से पहले ही आपके बड़े लेन-देन की जानकारी आपके सामने रख देगा. बचत खाते में एक वर्ष में दस लाख या उससे अधिक और चालू खाते में एक हों या अधिक में पचास लाख या उससे अधिक नकद जमा या निकासी हुई होगी तो उसकी जानकारी करदाता को रिटर्न फाइल करने से पहले दी जाएगी. वार्षिक सूचना विवरण में जानकारी देने से करदाता बड़े लेन-देन आयकर विभाग से छिपा नहीं सकेंगे.
आईटी तंत्र मजबूत होने से जो सूचनाएं आयकर विभाग को दो से तीन साल बाद मिलती थी, अब वो तेजी से उनके पास आ रही है. हालांकि करदाता के पास एक ऑप्शन होगा कि अगर कोई लेन-देन जो नजर आ रहा है,वह उससे संबंधित नहीं है तो वह उसे हटा सकते हैं.
अब तक यह था प्राविधान
CA भुपेंद्र दीक्षित के अनुसार अब तक आयकर विभाग द्वारा बड़े लेन-देन के मामले में जानकारी होने पर करदाता को नोटिस जारी किया जाता था लेकिन अब रिटर्न फाइल करने से पहले आयकर विभाग जानकारी देगा कि करदाता के बड़े लेन-देन कौन से हैं. इस आशय से संबंधित आदेश केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने जारी कर दिए हैं.
आयकर विभाग की तीसरी आंख की इन बड़े लेन-देन पर नजर
- किसी सेविंग अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख या अधिक जमा होने पर.
- एक या अधिक बैंक के चालू खाते से 50 लाख की नकद जमा या निकासी.
- Credit Card से दो लाख या उससे अधिक के भुगतान.
- Mutual Fund में दो लाख या उससे अधिक मिलने पर.
- पांच लाख या उससे अधिक के बांड, ऋण पत्र किसी कंपनी से मिलने पर
- किसी कंपनी से एक लाख या अधिक के शेयर मिलने पर.
- तीस लाख से अधिक मूल्य की अचल संपत्ति की खरीद व बिक्री.
- रिजर्व बैंक के पांच लाख या अधिक के बांड मिलने पर.