नई दिल्ली | मशहूर उद्योगति और टाटा संस के अध्यक्ष के मानद चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata Pass Away) कल रात को अपनी सांसारिक यात्रा पूरी कर गए. अपने जीवन काल में उन्होंने देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. तमाम भारतवासियों के दिलों में उनकी एक अहम जगह हमेशा बनी रहेगी. उन्होंने भारत के आम जनमानस के जीवन को आसान बनाने और बदलने में एक अहम भूमिका निभाई है.
हालांकि, उनके जीवन से जुड़ी अनगिनत कहानी है, जिनके बारे में शायद ही आम जनता को मालूम होगा. उनमें से कुछ अहम बातों के बारे में आज हम आपको जानकारी देंगे.
साल 1937 में हुआ जन्म
रतन टाटा का जन्म साल 1937 में सूनू और नवल टाटा के घर हुआ. 17 साल की उम्र में साल 1955 ने वह कॉर्नेल विश्वविद्यालय (इथाका, न्यूयॉर्क, यूएसए) के लिए गए, यहाँ उन्होंने सात वर्ष की अवधि में आर्ट्स और इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. उसके बाद, 1962 में वह टाटा समूह में सहायक के रूप में शामिल हुए. बाद में जमशेदपुर संयंत्र के टाटा इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव कंपनी में उन्होंने 6 महीने की ट्रेनिंग की. 1963 में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी या टिस्को से ट्रेनिंग प्रोग्राम पूरा करने के बाद वो 1965 में टिस्को के इंजीनियरिंग सेक्शन में टेक्निकल ऑफिसर नियुक्त किए गए.
1970 में की वतन वापिसी
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया स्थित टाटा समूह के निवासी प्रतिनिधि के तौर पर काम किया. 1970 में उन्होंने वतन वापिसी के बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को ज्वाइन किया. अगले ही साल वह नेल्को के के प्रभारी निदेशक नियुक्त बने. महज 3 साल के बाद 1974 में उनको टाटा संस के बोर्ड में निदेशक के रूप में शामिल किया गया. हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में अगले वर्ष उन्होंने एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया 1981 में वह टाटा इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष बने.
1986-1989 के दौरान वह एयर इंडिया के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे. कुछ समय बाद 1991 में टाटा संस के अध्यक्ष और टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष के तौर पर उन्हें जिम्मेदारी दी गई. इसी वर्ष टाटा समूह का पुनर्गठन शुरू किया गया.
2000 के बाद कंपनी ने पकड़ी रफ्तार
2000 के बाद का समय टाटा समूह के लिए गोल्डन टाइम माना जा सकता है. इस दौरान कंपनी ने उनके नेतृत्व में तरक्की करनी शुरू कर दी. इस दौरान टाटा समूह द्वारा टेटली, कोरस, जगुआर लैंड रोवर, ब्रूनर मोंड, जनरल केमिकल इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स और देवू जैसे कई हाई- प्रोफाइल अधिग्रहण किए गए. 2008 में टाटा ने ऑटोमोबाइल मार्केट में सनसनी मचा दी जब उन्होंने आम आदमी की गाडी टाटा नैनो को लॉन्च किया.
इसी साल भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. दिसंबर 2012 में वह टाटा समूह से टाटा संस के अध्यक्ष पद से हटे. इसके बाद, टाटा संस के मानद अध्यक्ष नियुक्त किए गए. 9 अक्टूबर 2024 को वह 86 वर्ष की आयु में देश भर को नम आँखों में छोड़ के दुनिया से विदा हो गए.
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