नई दिल्ली | पिछला एक महीना विकसित देशों के लिए ज्यादा अच्छा नहीं रहा. विकसित देशों की बॉन्ड यील्ड से जुड़े पोर्टफोलियो को बड़ा झटका लगा है. इसी वजह से अधिकतर इमर्जिंग मार्केट के ब्रांड की कीमत भी घट गई है. मौजूदा समय में ग्लोबल करेंसी मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. डॉलर अपने दो दशकों के सबसे ऊंचे स्तर पर है. वहीं, दूसरी तरफ जापान की येन, यूरो और पाउंड दशकों के निचले स्तर पर चल रही है. ब्याज दरें भी काफी आसमान छू रही है. कमोडिटी मार्केट का डिमांड आउटलुक कमजोर बना हुआ है.
क्या गोल्ड में निवेश करना रहेगा सुरक्षित
मौजूदा समय को देखते हुए यह सवाल उठता है कि क्या गोल्ड में निवेश करना सही है. ऐसे समय में गोल्ड में इन्वेस्ट करने के लिए आपकी क्या सही स्ट्रेटजी होनी चाहिए. इक्वल इंडिया फाउंडेशन के डायरेक्टर विजय कुमार गाबा ने मनीकंट्रोल को बताया कि बीते समय में महंगाई, जियोपोलिटिकल स्थिरता और युद्ध जैसी आशंकाओं के बीच सोने और चांदी में निवेश करना एक सुरक्षित इन्वेस्टमेंट रहा है. ताजा संकट को देखते हुए वास्तव में कीमती धातुओं ने अपना सेफ हैवन का दर्जा खो दिया है.
जानें क्यों हो रहा उतार-चढ़ाव
गाबा ने बताया कि महंगाई चार दशक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी है. इसकी प्रमुख वजह चाइना सी में टेंशन, रूस- यूक्रेन युद्ध, मनी डिबेसमेंट यानी बड़े स्तर पर करेंसी की प्रिंटिंग को बताया जा रहा है. सोने की कीमतों में जनवरी 2021 से अभी तक 10 परसेंट की कमी आ चुकी है. डिमांड में कमी, डिजिटल करेंसी से मिल रही चुनौती, ज्यादा सुरक्षा जोखिम और प्रोडक्शन की पोस्ट में बढ़ोतरी जैसे फैक्टर्स सोने की कीमत को प्रभावित कर रहे हैं.
कुछ महीने पहले आशंका जाहिर की गई थी कि पीली धातु अपना आकर्षण गवा सकती है. अब हालिया ट्रेंड में यह बातें सामने आई है कि अगले 12 महीने में सोने के निवेश में अच्छे अवसर हैं.
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