बहादुरगढ़ । केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों के विरुद्ध चल रहे किसान आंदोलन के बीच संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से एक बार फिर से 26 मार्च को भारत बंद का आह्वान किया गया है. एक बार पहले भी भारत बंद की घोषणा हो चुकी है. इस बार किसान संगठनों ने आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी चीजों को बंद रखने की घोषणा की है. ऐसी स्थिति में लोगों को अपने घर से संभलकर निकलना पड़ेगा. किसानों द्वारा रेल मार्ग और सड़क मार्ग को जाम करने की तैयारियां चल रही है. इस बार संपूर्ण भारत बंद का आह्वान किसानों द्वारा किया गया है.
हालांकि किसानों द्वारा किए जा रहे भारत बंद का क्या प्रभाव पड़ेगा अभी तक यह कहना मुश्किल है. लेकिन किसान आंदोलन में शामिल किसान संगठनों ने इस भारत बंद को सफल बनाने हेतु एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. हालांकि बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों की संख्या कम होने की वजह से और कृषि कार्य में व्यस्त चलने के कारण कई किसान गतिविधियां उस तरह नहीं हो पाई जैसी घोषणा के समय उम्मीद की जा रही थी. लेकिन इस बार देश के 5 राज्यों के लिए वोटिंग की प्रक्रिया आरंभ होने से ठीक 1 दिन पहले ही संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद के माध्यम से आंदोलन की ताकत दिखाने की तैयारियां पूर्ण कर ली है.
कई दिनों से इसके लिए मीटिंग का दौर भी चल रहा है. 28 मार्च को भारत बंद के पश्चात होलिका दहन में कृषि कानूनों की प्रति जलाने की भी घोषणा की हुई है. मेन बात तो यह है कि टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने एक स्थान पर होली बनाई है. यहां पर होली का डांडा बसंत पंचमी के दिन ही गाड़ दिया गया था. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां पर महिलाएं गांवों से होली पूजन के लिए आ सकती हैं.
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