नई दिल्ली | भारत में 5G सर्विस शुरू होने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. एयरटेल, रिलायंस जियो समेत अन्य प्रमुख टेलिकॉम कंपनियां 5G की बेहतर सुविधा के लिए काम कर रही है. एयरटेल के चैयरमेन सुनील मित्तल ने कहा कि हिंदुस्तान की डिजिटल- फर्स्ट अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए कंपनी अपने मजबूत नेटवर्क के साथ देश में 5G सर्विस को लाने में अहम रोल अदा करने वाली है. बता दें कि अगले कुछ दिनों में देश में 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी होनी है, ऐसे में मित्तल की इस टिप्पणी का खास महत्व है.
Digital- First अर्थव्यवस्था
बता दें कि भारत में 26 जुलाई से 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू हो रही है और इसमें कम से कम 4.3 लाख करोड़ रुपये के कुल 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को नीलामी के लिए रखा जाएगा. Airtel की सालाना रिपोर्ट 2021-22 में सुनील मित्तल ने कहा कि भारत में 5G कनेक्टिविटी लाने में एयरटेल अपने शक्तिशाली नेटवर्क के साथ सबसे आगे होगी और इससे भारत की डिजिटल-फर्स्ट अर्थव्यवस्था को समर्थन मिलेगा.
5G क्षेत्र में बढ़त
एयरटेल के प्रबंध निदेशक गोपाल विट्टल ने कहा कि कंपनी 5जी के लिए पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा से पहले ही एयरटेल ने नेटवर्क परीक्षण के जरिए 5G क्षेत्र में अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर दी है. एयरटेल पहली कंपनी हैं जिसने भारत में 5G क्लाउड गेमिंग अनुभव का प्रदर्शन किया और ग्रामीण कनेक्टिविटी के लिए 700 मेगाहर्ट्ज के बैंड का सफल परीक्षण किया.
अडाणी ग्रुप ने किया था ये ऐलान
अडाणी ग्रुप ने एक बयान जारी कर कहा है कि दूरसंचार स्पेक्ट्रम हासिल करने की दौड़ में शामिल होने की वह पुष्टि करते है. साथ ही कहा कि वह दूरसंचार स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल हवाई अड्डों से लेकर अपने व्यवसायों का समर्थन करने के लिए एक निजी नेटवर्क के रूप में करेगा. बयान में कहा गया कि हम हवाईअड्डों, बंदरगाहों और लॉजिस्टिक, बिजली उत्पादन, पारेषण, वितरण और विभिन्न विनिर्माण कार्यों में बढ़ी हुई साइबर सुरक्षा के साथ ही निजी नेटवर्क समाधान मुहैया कराने के लिए 5G स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग ले रहे हैं.
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