डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए के कमजोर होने का क्या होगा असर, पढ़ें स्पेशल रिपोर्ट

नई दिल्ली | भारतीय रुपये में लगातार गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है. मौजूदा समय में रुपया डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर तक लुढ़क गया है और 80 के करीब पहुंच गया है. रुपये के कमजोर होने से विदेश में पढ़ाई और यात्रा करना महंगा हो गया है. इसके अलावा, आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से महंगाई भी बढ़ सकती है.

Salary Rupee

ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत अपनी जरूरत का लगभग 80% कच्चे तेल का आयात करता है. आयात के लिए अधिकांश भुगतान डॉलर में करना पड़ता है. अगर डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होता है तो और रुपए खर्च करने पड़ेंगे. अगर क्रूड के लिए और रुपये खर्च किए गए तो इसका असर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में दिखेगा और ट्रांसपोर्ट भी महंगा हो जाएगा. इससे अन्य चीजें महंगी होंगी और महंगाई बढ़ेगी.

अमेरिका में यात्रा करना और पढ़ाई करना महंगा

रुपये में गिरावट का मतलब अमेरिका में घूमना और पढ़ाई करना महंगा होन है. मान लीजिए कि जब रुपये का मूल्य डॉलर के मुकाबले 50 था, तब अमेरिका में भारतीय छात्रों को 50 रुपये में 1 डॉलर मिलता था. अब 1 डॉलर के लिए छात्रों को 80 रुपये खर्च करने होंगे. इससे फीस से लेकर रहन-सहन और खाना और अन्य चीजें महंगी हो जाएंगी.

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मुद्रा का मूल्य कैसे निर्धारित किया जाता है?

यदि किसी अन्य मुद्रा का मूल्य डॉलर की तुलना में घटता है, तो इसे मुद्रा का गिरना, टूटना, कमजोर होना कहा जाता है. मुद्रा मूल्यह्रास अंग्रेजी में प्रत्येक देश में एक विदेशी मुद्रा भंडार होता है जिससे वह अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन करता है. विदेशी मुद्रा भंडार में कमी और वृद्धि का प्रभाव मुद्रा की कीमत पर परिलक्षित होता है.

यदि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर अमेरिकी रुपये के भंडार के बराबर है, तो रुपये का मूल्य स्थिर रहेगा. अगर हमारे साथ डॉलर गिरता है तो रुपया कमजोर होगा, अगर बढ़ता है तो रुपया मजबूत होगा. इसे फ्लोटिंग रेट सिस्टम कहा जाता है.

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साल दर साल कितनी हुआ इजाफा, देखें लिस्ट

1947   4.16
1966   6.36
1970    7.50
1980   7.86
1990   17.50
2000   44.78
2010   47.08
2022   80.01

ये होगा फायदा

  • बिजनेसमैन के लिए एक्सपोर्ट से ज्यादा फायदा
  • विदेशी पर्यटकों के लिए भारत घूमना सस्ता
  • भारतीय मेडिकल टूरिज्म इंडस्ट्री को फायदा
  • विदेश से डॉलर भेजने पर यहां ज्यादा रुपए मिलेंगे

ये है नुकसान

  • पेट्रोलियम और सोने के दाम बढ़ेंगे
  • सामानों की कीमत बढ़ने से महंगाई बढ़ेगी
  • विदेशों में पढ़ाई करना और घूमने जाना महंगा होगा
  • देश में विदेशी निवेश घटेगा

बीते 1 साल में दूसरे देश की करेंसी में ये हुए बदलाव

देश         जुलाई 2021        जुलाई 2022     बदलाव
पाकिस्तान        159.52            221.02        -38.55
चीन             6.48                 6.72                -4.16
भारत            74.63               80.01              -7.20
यूरोप              0.85                1.00               -17.64
ब्रिटेन             0.73               0.85                  -16.43
रूस               74.05            56.26              +24.02

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नोट: सभी डाटा दैनिक भास्कर वेबसाइट से लिए गये है.

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