नरेला । सालों बाद किसानों के परिवारों को खुश होने की वजह मिली है और इस खुशी की वजह नरेला अनाज मंडी के आढ़तियों द्वारा अप्रैल में गेहूं की बंपर खरीददारी करना है. न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी (MSP) से ज्यादा भाव पर गेहूं की फसल बिकने से किसानों की चांदी हुई है.
हालांकि भारतीय खाद्य निगम (FCI) की ओर से इस बार गेहूं की कोई खरीदारी नहीं की गई है क्योंकि आढ़तियों द्वारा एमएसपी से 400-500 रुपए प्रति क्विंटल अधिक देकर सीधे किसानों से गेहूं खरीद की गई है. नरेला मंडी में एफसीआई व अन्य विभाग के कर्मचारी व अधिकारी पूरा दिन खाली बैठकर वापस लौट रहे हैं. अप्रैल में आढ़तियों की ओर से दो लाख 88 हजार 413 क्विंटल गेहूं की खरीद की गई है. यह गेहूं एमएसपी से सौ रुपए ज्यादा से लेकर 500 रुपये ज्यादा तक खरीदे गए हैं.
गर्मी से सिकुड़ गया था दाना
इस बार समय से पहले पड़ी भीषण गर्मी से गेहूं की फसल का विकास अच्छी तरह से नहीं हो पाया और दाना सिकुड़ कर रह गया. ऐसे में संभावना जताई जा रही थी कि अगर किसान एफसीआइ के पास गेहूं बिक्री के लिए जातें तो ज्यादातर किसानों के गेहूं के सैंपल को रद्द कर दिया जाता. लेकिन अधिक भाव मिलने की वजह से पहले ही दिन से किसानों ने आढ़तियों का रुख किया था. किसानों ने बताया कि उन्हें भी उम्मीद नहीं थी कि उनके गेहूं की फसल एमएसपी से ज्यादा भाव पर खरीदी जाएगी.
बता दें कि सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी 2015 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था लेकिन लॉकडाउन की वजह से पिछले दो साल से आर्थिक मंदी की मार झेल रहे किसानों को इस बार मिले एमएसपी से ज्यादा भाव ने वारे- न्यारे कर दिए हैं. किसानों के चेहरों पर इसकी खुशी साफ नजर आ रही है.
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