नई दिल्ली । हरियाणा कांग्रेस (Haryana Congress) में चल रही खींचतान कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. पंजाब कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिलने के बाद हरियाणा कांग्रेस में भी मोहरे- चेहरे बदलने की हवा तेज हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा (Bhupendra Singh Hooda) समर्थित विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. इस बीच कुमारी शैलजा ने शनिवार को पार्टी सुप्रीमो सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की है और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ने का प्रस्ताव ऑफर किया है.
कुमारी शैलजा ने यह कदम उस समय उठाया है जब पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा भी लंबे समय से हरियाणा कांग्रेस में बदलाव की मांग उठा रहे हैं. दरअसल हुड्डा चाहते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष का पद उनके ही खेमे के किसी सदस्य को दिया जाएं ताकि प्रदेश संगठन में संतुलन बना रहे.
हालांकि पार्टी का एक धड़ा राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की वकालत कर रहा है. वहीं पार्टी का दूसरा धड़ा चाहता है कि झज्जर से विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी जाए. इससे संगठन तो मजबूत होगा ही साथ ही प्रदेश में कांग्रेस संगठन भी मजबूती से खड़ा हो सकेगा.
अंग्रेजी अखबार द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार कुमारी शैलजा या कांग्रेस हाईकमान की ओर से आधिकारिक तौर पर इस मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए है, लेकिन विवाद निपटाने को लेकर मंथन जारी है. वहीं कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस बात को लेकर चिंतित भी है कि कुमारी शैलजा दलित समुदाय से आती हैं और महिला नेता हैं. ऐसे में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया जाएगा तो पार्टी पर दलितों की उपेक्षा के आरोप लगाने में विरोधी दल एक मिनट की चूक भी नहीं करेंगे.
खासतौर पर ऐसे वक्त में यह आरोप और भी पुख्ता होने का डर है, जब पंजाब में सुनील जाखड़ जैसे नेता दलित लीडर चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाए जाने पर सवाल खड़े कर रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के सामने बड़ी दुविधा आन खड़ी हो गई है और उसका हल निकालने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
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