चंडीगढ़ | रविवार को लखीमपुर खीरी में हिंसक झड़प में 4 किसानों समेत कुल 8 लोगों की मौत का मामला अब थोड़ा ठंडा होता हुआ नजर आ रहा है. जिला प्रशासन और किसान नेताओं के बीच हुई वार्तालाप में कुछ शर्तों के साथ आखिरकार सहमति बनी है.
आज सोमवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में जिला प्रशासन और किसान नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत के बाद आखिरकार सहमति बन चुकी है. उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने जानकारी देते हुए कहा, मृतकों के परिवार को 45 लाख रुपये का मुआवजा सरकार के द्वारा दिया जाएगा. घायलों को 10 लाख रुपये का अनुदान शासन द्वारा दिया जाएगा. मृतकों के घर के एक सदस्य को योग्यता के आधार पर नौकरी दी जाएगी.
प्रशासन और किसानों के 6 शर्तों पर हुआ समझौता
• मृतकों के परिवार वालों को 45 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी.
• मृतकों के परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी.
• घटना के दौरान घायल हुए लोगों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी.
• हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में पूरे मामले की न्यायिक जांच होगी.
• जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, उनके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई होगी.
• प्रशासन ने किसानों को 8 दिन में आरोपियों की गिरफ्तारी का भी भरोसा भी दिया है.
जानकारी के लिए बता दें कि 3 अक्टूबर की शाम लखीमपुर में हुई हिंसा में 8 लोग मारे गए थे. इनमें 4 किसान, 3 भाजपा कार्यकर्ता और उनका 1 ड्राइवर शामिल है. चार अक्टूबर को घटना में घायल एक पत्रकार ने भी दम तोड़ दिया. इस तरह कुल 9 लोगों की मृत्यु हुई है. किसानों का आरोप है की केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे ने किसानों के ऊपर गाड़ी चलाई जिसमें 4 किसानों की मौत हुई.
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