नई दिल्ली | लोकसभा चुनाव 2024 में जीत के बाद मोदी 3.0 सरकार (Modi Govt) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में गुड्स एंड सर्विस टैक्स काउंसिल (GST Council) की पहली बैठक आयोजित हुई, जिसमें कई राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हुए. बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने फर्जी बिलों पर रोक लगाने के लिए पूरे भारत में बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण लागू करने का निर्णय लिया है. इससे फर्जी बिलों के जरिए किए गए धोखाधड़ी वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट दावों से निपटने में मदद मिलेगी.
दंड पर ब्याज माफ
GST रजिस्ट्रेशन की सुविधा के लिए जीएसटी परिषद के अनुसार, देशभर में नए पंजीकरण के लिए आधार बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण अनिवार्य है. परिषद ने जीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए मांग नोटिस पर ब्याज और दंड माफ करने का फैसला लिया है.
दूध के डिब्बों पर 12% GST
जीएसटी परिषद ने सभी दूध के डिब्बों पर 12% की एक समान दर निर्धारित करने की सिफारिश की है. इसका मतलब है कि दूध की पैकिेंग के लिए स्टील, लोहा, एल्युमीनियम जो किसी भी चीज का उपयोग में हो, उस पर इसी दर से जीएसटी का भुगतान होगा. परिषद ने सभी कार्टन बॉक्स पर जीएसटी 18 से घटाकर 12 फीसदी निर्धारित किया है. इससे हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादकों को विशेष रूप से मदद मिलेगी. सभी सोलर कुकर पर भी 12% GST लागू होगी. साथ ही, फायर स्प्रिंकलर सहित सभी प्रकार के स्प्रिंकलर पर भी 12% जीएसटी की दर लागू होगी.
पेट्रोल- डीजल को GST के दायरे में लाने की तैयारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहती है. उन्होंने कहा कि इसके लिए किसी तरह के संशोधन की जरूरत भी नहीं है. बस राज्यों को हमारे साथ मिलकर फ्यूल पर GST दर तय करने की जरूरत है.
रेलवे सेवाओं को GST से छूट
उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे द्वारा प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री, रिटायरिंग रूम की सुविधा, वेटिंग रूम जैसी सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है. उन्होंने कहा कि परिषद ने शैक्षणिक संस्थानों के बाहर छात्रावास आवास के माध्यम से प्रति व्यक्ति प्रति माह 20 हजार रूपए तक की छूट दी है. यह लाभ छात्रों या कामकाजी वर्ग के लिए है और छूट का लाभ केवल तभी उठाया जा सकता है, जब आप कम से कम 90 दिनों तक ठहरे हों.
सरकारी मुकदमे कम करने की भी पहल
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी मुकदमों को कम करने के लिए GST काउंसिल ने अलग- अलग अपीलीय प्राधिकरणों के समक्ष टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा अपील दायर करने के लिए एक मौद्रिक सीमा तय की है. उन्होंने बताया कि जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के लिए 20 लाख रुपये, हाईकोर्ट के लिए 1 करोड़ रुपये और सुप्रीम कोर्ट के लिए 2 करोड़ रुपये की मौद्रिक सीमा की सिफारिश की है. अगर मौद्रिक सीमा जीएसटी परिषद द्वारा निर्धारित सीमा से कम है, तो टैक्स अथॉरिटी आमतौर पर अपील नहीं करेगा.
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